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सोने के भाव पर ब्याज भी: खरीदारी के लिए खुली सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम

नई दिल्ली। सरकारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) 2020-21 स्कीम की नौंवी सीरीज आज 28 दिसंबर से खरीदारी के लिए खुल गई है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की यह सीरीज 1 जनवरी 2021 को सब्सक्रिप्शन के लिए बंद हो रही है। इस बॉन्ड के जरिए सरकार के लिए पैसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) जुटाता है।

बॉन्ड की कीमत कितनी तय की गई है?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई सीरीज का इश्यू प्राइस 5,000 रुपये प्रति ग्राम सोने के हिसाब से तय किया गया है। इस बात की जानकारी रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते दी थी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की ऑनलाइन खरीदारी करने वाले निवेशकों को सरकार उसकी नॉमिनल वैल्यू पर 50 रुपये प्रति ग्राम का डिस्काउंट देगी। इस तरह, इन निवेशकों को एक गोल्ड बॉन्ड 4,950 रुपये प्रति ग्राम सोने के भाव से मिलेगा।

किस आधार पर तय किया गया दाम?

रिजर्व बैंक ने अपने नोटिफिकेशन में कहा था, ‘बॉन्ड की नॉमिनल वैल्यू सब्सक्रिप्शन वाले हफ्ते के अंतिम तीन कारोबारी दिन यानी 22 से 24 दिसंबर के बीच 999 प्योरिटी वाले सोने के औसत बंद भाव के हिसाब से तय हुई है। सोने का सिंपल एवरेज क्लोजिंग प्राइस इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) का है।

किसको मिलेगा 50 रुपये का डिस्काउंट?

RBI ने नोटिफिकेशन में यह भी कहा है कि सरकार ने उससे सलाह मशविरा करके बॉन्ड की नॉमिनल वैल्यू पर 50 रुपये का डिस्काउंट देने का फैसला किया है। यह डिस्काउंट उन निवेशकों को मिलेगा जो सब्सक्रिप्शन के लिए ऑनलाइन अप्लाई करेंगे और डिजिटल मोड में पेमेंट करेंगे।’

कहां से खरीदा जा सकता है गोल्ड बॉन्ड?

SGB स्कीम वाले बॉन्ड कमर्शियल बैंकों, पोस्ट ऑफिस, स्टॉक एक्सचेंजों- बीएसई और एनएसई, और स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन से खरीदे जा सकते हैं। इसे भारतीय नागरिक, अविभाजित हिंदू परिवार (HUF), ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन खरीद सकते हैं। इस स्कीम में कम से कम एक ग्राम सोने के दाम के बराबर का एक बॉन्ड खरीदा जा सकता है।

कितने ज्यादा बॉन्ड खरीदे जा सकते हैं?

एक फाइनेंशियल ईयर में इंडिविजुअल और HUF चार किलो तक सोना खरीद सकते हैं जबकि ट्रस्ट और दूसरी एंटिटजी के लिए इसकी अधिकतम सीमा 20 किलो तय की गई है। ये बॉन्ड आठ साल में मैच्योर होंगे लेकिन इनको पाँच साल के बाद भुनाया जा सकता है। पाँच साल के लॉक इन से पहले इनको स्टॉक एक्सचेंजों पर कभी भी बेचा जा सकता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का क्या है फायदा?

इस बॉन्ड को लोन लेने के लिए जमानत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें समय के साथ सोने के भाव में होने वाली बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा। उसके ऊपर ढाई पर्सेंट सालाना का ब्याज भी मिलेगा जो हर छह महीने पर बैंक खाते में जमा हो जाएगा। बॉन्ड से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा, लेकिन उसकी बिक्री से होनेवाले कैपिटल गेंस पर टैक्स नहीं लगेगा।

सरकार ने क्यों शुरू की यह स्कीम?

सरकार ने देश में फिजिकल फॉर्म में सोने की खरीदारी की मांग घटाने के मकसद से नवंबर 2015 में यह SGB स्कीम शुरू की थी। इस स्कीम को शुरू करने का सरकार का मकसद यह भी है लोग बचत को सोने की खरीदारी में खर्च करने के बजाय उसे फाइनेंशियल सिक्योरिटी में लगाएं और आर्थिक रूप से उत्पादक कार्यों में योगदान करें।

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