नई दिल्ली। सीबीआई में छिड़ी अंदुरूनी जंग ने पूरे देश की नजरें इस तरफ बढ़ा दी है। उल्लेखनीय है कि अब मामला इतना गंभीर हो चूका है कि केन्द्र सरकार को हस्तछेप करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से न केवल उनके सभी अधिकार छीन लिए हैं, बल्कि देर रात आदेश जारी कर एम नागेश्वर राव को सीबीआई का नया कार्यवाहक निदेशक नियुक्त कर दिया है। केंद्र सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि देश की इस सबसे बड़ी जांच एजेंसी की छवि को बचाने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया था। सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सीवीसी की सिफारिश के बाद केंद्र ने अधिकारियों को हटाने का फैसला किया है। केंद्र ने कहा कि सीबीआई की ऐतिहासिक छवि रही है और उसकी ईमानदारी को बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया था। सीवीसी की अनुशंसा पर एक एसआईटी इस पूरे मामले की जांच करेगी। केंद्र यह भी साफ किया अगर अधिकारी निर्दोष होंगे तो उनकी वापसी हो जाएगी। बता दें कि केंद्र ने सख्त ऐक्शन लेते हुए सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि क्या दो अधिकारी जो जांच का सामना कर रहे हैं वो ही अपनी जांच करवाएं? विपक्ष के आरोप बिल्कुल गलत हैं। इससे ज्यादा अनफेयर कुछ नहीं हो सकता है। सरकार ने सेक्शन 42 की शक्ति का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश पारित किया है। सरकार का यह कदम विपक्ष, पीआईएल दाखिल करने वाले लोगों और आम जनता सभी के लिए है। उन्होंने कहा, ‘जांच का माखौल नहीं बनने दिया जा सकता है। अगर अधिकारी निर्दोष होंगे तो उनकी वापसी होगी।’ सीवीसी की अनुशंसा पर सरकार के तुरंत फैसले के सवाल पर जेटली ने कहा, ‘हमारी सरकार फास्ट ऐक्टिंग सरकार है। इसलिए हमने तुरंत अनुशंसा पर कदम उठाया।
सीवीसी ने सेक्शन 8 और सेक्शन 41 के तहत सिफारिश की है कि इन आरोपों की जांच ये दोनों अधिकारी नहीं कर सकते हैं क्योंकि इन्हीं दोनों पर आरोप हैं। इसके अलावा इनके सुपरविजन में एजेंसी जांच भी नहीं कर सकती है। जबतक इसकी जांच होगी सीबीआई की निष्पक्षता के लिए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया जाए। यह आदेश अंतरिम होगा। एसआईटी केस की जांच करेगी। उच्चतम निष्पक्षता के तहत यह कदम उठाया गया है।
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– सीबीआई मामले में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने प्रेस कांन्फ्रेंस करते हुए कहा कि कौन सहीं है और गलत इस मामले की पूरी जांच होगी।
– दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई मामले को राफेल डील की जांच से जोड़ दिया है। केजरीवाल ने पूछा है कि आलोक वर्मा को हटाए जाने और राफेल डील के बीच कोई संबंध है। केजरीवाल ने पूछा है कि क्या आलोक वर्मा राफेल डील की जांच शुरू करने वाले थे? यह जांच मोदी जी के लिए समस्या खड़ी कर सकती थी।
– सीबीआई ने आरोपों की जांच के लिए नई टीम का गठन किया। नई टीम राकेश अस्थाना के रिश्वत मामले की जांच करेगी।
-बताया गया कि सीबीआई के 10वें एवं 11वें तल की तलाशी ली गई। वर्मा और अस्थाना दोनों के कार्यालयों को सील कर दिया गया है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यालय को दोबारा खोल दिया गया है।
– वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सीबीआई की उठापटक पर बड़ा बयान दिया है। प्रशांत भूषण ने सीबीआई में हो रही उठा पटक को राफेल सौदे से जोड़ते हुए कहा, सरकार की ओर से पूरी कवायद राकेश अस्थाना को बचाने के लिए हो रही है। हमें लगता है कि शायद ये राफेल पर हमारे आरोपों को सीबीआई जांच से बचाने के लिए ये सबकुछ हो रहा है।
– DSP अजय बस्सी का ट्रांसफर किया गया। अजय बस्सी को दिल्ली से पोर्ट ब्लेयर भेजा गया।
– सीबीआई के एक और अफसर का ट्रांसफर किया गया।
– इस वक्त एम नागेश्वर राव सीबीआई मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे है।
– सुप्रीम कोर्ट में आलोक वर्मा मामले में शुक्रवार को होगी सुनवाई।
– छुट्टी पर भेजे जाने से नाराज है आलोक वर्मा।
सीबीआई के दो अधिकारियों पर गाज गिरी है। ज्वाइंट डायरेक्टर मनीष सिन्हा और एके शर्मा को हटाया गया।
वर्तमान समय में एम नागेश्वर राव सीबीआई में ही संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। सरकार के इस फैसले के बाद सीबीआई हेडक्वार्टर स्थित आलोक वर्मा के और राकेश अस्थाना के ऑफिस को सील कर दिया गया है। इस मामले में नया मोड सामने आया है। सीबीआई के दफ्तर में छापेमारी की गई है। खबरों के मुताबिक, सीबीआई के संयुक्त निदेशक नागेश्वर राव ने छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि सीबीआई का 10वां और 11वां फ्लोर अधिकारियों ने सीज कर दिया है। वहीं दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं।
गौरतलब है कि सीबीआई में आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच जारी विवाद के सार्वजिनक होने और इसके बढऩे से सरकार खासी नाराज थी और इस मामले में सरकार ने दखल देते हुए सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को को छुट्टी पर भेज दिया है। बता दे, पिछले दिनों सीबीआई ने भ्रष्टाचार के एक मामले में अस्थाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और इस सिलसिले में अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार भी किया। मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मामले में जांच अधिकारी रहे कुमार पर कारोबारी सतीश साना के बयान दर्ज करने में धोखाधड़ी के आरोप हैं।
DSP सीबीआई एके बस्सी का तबादला पोर्ट ब्लेयर कर दिया गया है जबकि एडिशनल SP सीबीआई एसएस गुम का ट्रांसफर जबलपुर किया गया है। इतना ही नहीं, सीबीआई के DIG मनीष कुमार सिन्हा, DIG तरुण गौबा, DIG जसबीर सिंह, DIG अनीस प्रसाद, DIG केआर चौरसिया, HoB राम गोपाल और SP सतीश डागर का भी ट्रांसफर कर दिया गया है। आपको बता दें कि इनमें से कई अफसर सीबीआई के राकेश अस्थाना के खिलाफ केस की जांच कर रहे थे।
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