वाराणसी। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने तीन दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान बुधवार को वाराणसी के केंद्रीय कारागार का निरीक्षण किया। जेल अधीक्षक और वृद्ध कैदियों से बातचीत में पता चला कि बैरक से मुख्य द्वार तक वो पैदल ही जाते है। उनके लिए उन्होंने दो ई-रिक्शा की व्यवस्था को राजभवन की ओर से करने को कहा।
वृद्ध कैदियों को किसी कार्य पर जाने के लिए पैदल ही जाना पड़ता है
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जेल के कैदियों और अधिकारियों से पूछे जाने पर कि अशक्त और वृद्ध कैदियों को यदि जेल से बाहर किसी कारण ले जाना हो तो बैरक से जेल के मुख्य द्वार तक कैसे लाया जाता है। जेल अधीक्षक के बताने पर कि बैरक से पैदल ही लाया जाता है। इतना सुनते ही उन्होंने कहा कि जेल में दो ई-रिक्शा की व्यवस्था की जाए, जो राजभवन के व्यय भार पर इस कार्य में उपयोग किए जाएंगे।
जेल में स्थित गोशाला के निरीक्षण के दौरान उन्होंने गायों को केला और गुड़ खिलाया। भ्रमण के दौरान जेल के कैदियों से भी मुलाकात की और विभिन्न विधा में निपुण कारीगरों के उत्पाद का देखा। बेकरी के उत्पाद, फर्नीचर, तौलिया-गमछा के साथ-साथ कैदियों द्वारा उगाई गईं सब्जियों को भी देखा।
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