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भारत बायोटेक की कोवैक्सिन की डिलीवरी भी शुरू, जयपुर समेत 7 शहरों में पहली खेप भेजी

नई दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड के एक दिन बाद भारत बायोटेक की कोवैक्सिन की डिलीवरी भी शुरू हो गई है। कोवैक्सिन की पहली खेप बुधवार सुबह 6.40 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट से हैदराबाद से दिल्ली भेजी गई। दिल्ली के अलावा बेंगलुरु, चेन्नई, पटना, जयपुर और लखनऊ के लिए भी कोवैक्सिन भेजी गई।

जयपुर: एयर एशिया की फ्लाइट से कोवैक्सिन के 60 हजार डोज सुबह 11 बजे जयपुर पहुंचे। इन्हें एयरपोर्ट से सीधे आदर्श नगर स्थित स्टेट ड्रग स्टोर लाया गया। कोवीशील्ड के डोज भी आज शाम करीब पांच बजे जयपुर एयरपोर्ट पहुंचने की उम्मीद है।

भोपाल: कोवीशील्ड के 5 लाख डोज पहुंचे
सीरम इंस्टीट्यूट ने मंगलवार को अलग-अलग शहरों में वैक्सीन भेजना शुरू किया था। कई शहरों में आज वैक्सीन पहुंची है। भोपाल में सुबह 11 बजे कोवीशील्ड के 5 लाख डोज पहुंचे। यहां से मध्य प्रदेश के 24 जिलों में वैक्सीन भेजी जाएगी।

भोपाल एयरपोर्ट से वैक्सीन कमला पार्क स्थित स्टोर ले जाई गईं।

सरकार ने कोवैक्सिन के 55 लाख डोज का ऑर्डर दिया
16 जनवरी से देश में कोरोना वैक्सीनेशन शुरू होगा। ड्रग रेग्युलेटर ने कोवैक्सिन और कोवीशील्ड के इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक सरकार ने कोवैक्सिन के 55 लाख और कोवीशील्ड के 1.1 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है।

भारत बायोटेक सरकार को 16.5 लाख डोज फ्री देगी
भारत बायोटेक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बना रहा है। कंपनी 16.5 लाख डोज सरकार को फ्री देगी, बाकी 38.5 लाख वैक्सीन के हर डोज के लिए 295 रुपए चार्ज किए जाएंगे।

उधर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के CEO अदार पूनावाला ने मंगलवार को कहा कि कोवीशील्ड के 10 करोड़ डोज सरकार को 200 रुपए के स्पेशल रेट पर दिए जाएंगे, जबकि बाजार में वैक्सीन की कीमत 1000 रुपए होगी।

कोवीशील्ड के दोनों डोज की एफिकेसी 70% रही
कोवीशील्ड को एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर बनाया है। भारत में SII सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोवीशील्ड का प्रोडक्शन कर रही है। इसका जब हाफ डोज दिया गया तो इफिकेसी 90% रही। एक महीने बाद फुल डोज में इफिकेसी 62% रही। दोनों तरह के डोज में औसत इफिकेसी 70% रही। कोवीशील्ड के 5 करोड़ डोज तैयार हैं।

कोवैक्सिन के फेज-3 ट्रायल्स के नतीजे अभी नहीं आए हैं। फेज-2 ट्रायल्स के नतीजों के मुताबिक, कोवैक्सिन की वजह से शरीर में बनी एंटीबॉडी 6 से 12 महीने तक कायम रहेंगी। कोवैक्सिन के 2 करोड़ डोज तैयार हैं।

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