ब्रिस्बेन। एक टीम, जिसे मैच शुरू होने से पहले 11 खिलाड़ी मिलने मुश्किल हो रहे थे। एक टीम, जिसके सात रेगुलर खिलाड़ी चोटिल हो गए थे। एक टीम, जिसका कप्तान पारिवारिक कारण से घर वापस लौट गया था, उस टीम ने दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में एक को उसके घर में सीरीज में हरा दिया। ऐसा बहुत कम होता है, लेकिन टीम इंडिया ने ऐसा कर दिखाया है।
बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के आखिरी टेस्ट में भारत को 328 रन बनाने थे। वहीं, ऑस्ट्रेलिया को मैच जीतने के लिए दस विकेट की जरूरत थी। मैच शुरू होते ही रोहित शर्मा सस्ते में चले गए तो लगा मैच ऑस्ट्रेलिया जीतेगा। या फिर अब टीम इंडिया ड्रॉ के लिए खेलेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इसकी वजह बने टीम के युवा खिलाड़ी। शुभमन गिल ने टीम को कभी भी मैच से बाहर नहीं जाने दिया तो ऋषभ पंत ने मैच जिताकर ही दम लिया। इस सीरीज से भारत को कई नए सितारे मिले हैं। दूसरी तरफ क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में भूचाल के संकेत मिलने लगे हैं। कप्तान टिम पेन पर सबसे ज्यादा खतरा दिख रहा है।
क्या रहाणे को कप्तान बनाने का वक्त आ गया है?
अजिंक्य रहाणे ने अब तक पांच टेस्ट में भारत की कप्तानी की है। इनमें से चार जीते हैं, जबकि एक ड्रॉ रहा है। अगर रहाणे को कप्तानी देने की बात करें तो भारत पहले भी ऐसा कर चुका है, जब टेस्ट का कप्तान अलग होता है और वनडे, टी-20 का कप्तान अलग होता है। पहले अनिल कुंबले टेस्ट में कप्तान थे तो धोनी वनडे और टी-20 में। धोनी के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद विराट कोहली टेस्ट के कप्तान बने। धोनी वनडे और टी-20 में कप्तानी करते रहे। ऐसे में अगर रहाणे को टेस्ट का कप्तान बनाया जाता है तो एक बार फिर हम दो कप्तानों का दौर देख सकते हैं।
ऋषभ और शुभमन के लिए आगे क्या?
सिराज की सफलता के क्या मायने हैं?
मोहम्मद सिराज के खिलाफ सिडनी और ब्रिस्बेन में नस्लीय टिप्पणी की गई। सीरीज के दौरान उनके ऑटो ड्राइवर पिता का निधन हो गया। इसके बाद भी उन्होंने टीम के साथ रहने का फैसला किया। महज तीसरा टेस्ट खेल रहे सिराज इस मैच में टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज थे।
इस मुश्किल दौर में भी उन्होंने न सिर्फ टीम के गेंदबाजी आक्रमण को लीड किया बल्कि पांच विकेट भी लिए। इस सीरीज में सिराज ने सबसे ज्यादा ओवर डाले। सिराज के प्रदर्शन के बाद टीम इंडिया की तेज गेंदबाजी स्ट्रेंथ और बढ़ी है।
सुंदर को क्या तीसरे स्पिनर के रूप में मौका मिल सकता है?
क्या शार्दूल ऑलराउंडर के रूप में आगे भी खेल सकते हैं?
शार्दुल ठाकुर लंबे समय से डोमेस्टिक सर्किट में खेलते रहे हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने छह हाफ सेंचुरी लगाई है। हालांकि, उनका बैटिंग एवरेज महज 16 है। ऐसे में उन्हें फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर के रूप में देखना अभी जल्दबाजी होगी।
क्यों जा सकती है पेन की कप्तानी?
आधी से ज्यादा टीम चोटिल होने के बाद भी भारत कैसे सफल रहा?
भारतीय खिलाड़ियों पर हुई नस्लीय टिप्पणी का इस सफलता में क्या रोल है?
सिडनी में ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों ने बुमराह और सिराज के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी की। ब्रिस्बेन में भी सिराज और सुंदर के खिलाफ यही हुआ। सिराज और सुंदर दोनों ने ही इस मैच में नस्लीय टिप्पणी का जवाब अपने प्रदर्शन से दिया। ऑस्ट्रेलिया की पहली इनिंग में सुंदर ने तीन तो सिराज ने एक विकेट लिया। भारत की पहली इनिंग में सुंदर ने न सिर्फ डेब्यू मैच में 62 रन की पारी खेली बल्कि, शार्दूल ठाकुर के साथ शतकीय साझेदारी भी की।
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