डाकुओं की शरणस्थली को ‘चंबलबुड’ बनाने की मुख्यमंत्री योगी से मांग
कभी कुख्यात डाकू के आतंक से जूझ उपेक्षा की शिकार बनी चंबल घाटी के विकास के लिए यहां के वासियों ने ‘चंबलबुड’ के निर्माण की मांग की है। यह मांग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली से सटे नोएडा में फिल्म सिटी का निर्माण करने की पहल करने में जुटे हुए हैं।
यहां के वासियों का ऐसा मत है कि चंबल का नैसर्गिक सौंदर्य फिल्म निर्माण के लिए कहीं ना कहीं बहुत ही बेहतर होगा। सिर्फ इतना ही नहीं कई सैकड़ा ऐसी लोकप्रिय फिल्मों का निर्माण भी चंबल में किया जा चुका है जो आज भी मील का पत्थर बनी हुई है जिनका कोई दूसरी फिल्म मुकाबला नहीं कर सकी है।
बताते चलें कि सैकड़ों सालों से कुख्यात बागियों ओर डाकुओं के आतंक के चलते चंबल का जिस तरह से विकास होना चाहिए था, उस ढंग से विकास नहीं हो सका है लेकिन कई नामचीन फिल्मकार चंबल को शूटिंग के लिए आज से बहुत ही अधिक बेहतर मानते हैं तभी वह अपनी फिल्मों की शूटिंग करने के लिए चंबल की वादियों में आते हैं।
डाक्टर कमल कुशवाहा बताते हैं कि उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश और राजस्थान में फैली चंबल घाटी वास्तव में प्राकृतिक और सौंदर्य से भरपूर है और यहां पर फिल्म का निर्माण बहुत ही अच्छे से किया जा सकता है जिससे यहां के वासियों को रोजगार भी मिलेगा और साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी प्रदान हो सकेगी।
कोरियोग्राफर शैलेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि थोड़े से सार्थक प्रयास करने भर से चंबल घाटी फिल्म निर्माण से ‘चंबलबुड’ के नाम से जानी जा सकती है। नैसर्गिक सुंदरता की पर्याय चंबल घाटी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फिल्मलैंड के सपने में चार चांद लगाने में मददगार साबित हो सकती हैं।
वैसे चंबल के बीहड़ मायानगरी के निर्माता निर्देशकों के लिये दशकों से आकर्षण का केन्द्र बने रहे है। कई नामी गिरामी फिल्मों की शूटिंग चंबल के दुर्दांत दस्यु सरगनाओ के जीवन पर फिल्माई जा चुकी है जबकि यहां की नैसर्गिक सुंदरता कश्मीर की वादियों को कई मायनों पर टक्कर देती है। इस लिहाज से चंबल फिल्मलैंड के लिए सबसे मुुफीद मानी जा रही है।
फिल्म निर्माण से जुड़ी कई हस्तियों का मानना है कि प्राकृतिक तौर पर बेहद आंनदमयी चंबल घाटी को फिल्मलैंड के रूप में स्थापित कर फिल्मकारांे के लिए एक नया रास्ता खोला जा सकता है। तेलंगाना के जानेमाने फिल्मकार, गजलकार डा.गजल श्रीनिवास का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह है कि अगर फिल्मसिटी चंबल घाटी में बनाया जाता है तो फिल्मकारों को शूटिंग के लिहाज से बहुत ही अधिक फायदा होगा क्योंकि यहां पर बहुत ही सुकुन है। लोकेशन बहुत ही शानदार है जो किसी भी फिल्म के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
श्री निवास कहते हैं कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच नदियों के संगम स्थल पचनदा को पर्यटक स्थल बनाने का फैसला भी कर चुके हैं ऐसे में चम्बल को अगर फिल्मलैंड की ओर ले जाया जाता है तो निश्चित है यह कोशिश चंबल के लिहाज से बहुत ही सार्थक होगी।
चंबल में मैला प्रथा पर फिल्म निर्माण कर चुके मास्साब, बंदूक,जैसी सम्मानित और पुरस्कृत फिल्मों के लेखक निर्देशक, तेलुगु फिल्मों के सुप्रसिद्ध अभिनेता आदित्य ओम चंबल घाटी को फिल्म निर्माण के लिए सबसे बेहतर मानते है। ओम कहते हैं कि चंबल घाटी में शूटिंग हर लिहाज से बेहतर है। चाहे वो लोकशन हो या फिर कोई और भी जरूरत हर जरूरत आपकी पूरी हो सकती है। चंबल घाटी की नैसर्गिक सुंदरता विदेश के खूबसूरत पर्यटन स्थलों को भी मात देती है। इसी धरोहर को आज ना केवल सुरक्षित रखने की जरूरत है बल्कि उसको लोकप्रिय भी बनाना है।