नई दिल्ली। रिलायंस जियोमार्ट के आने के बाद भारत में ई-कॉमर्स की लड़ाई तेज हो गई है। ई-ग्रॉसरी को भविष्य के सबसे बड़े बाजार के रूप में देखा जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि 2024 तक ये आठ गुना तक बढ़कर 18 बिलियन डॉलर (करीब 1.31 लाख करोड़ रुपए) से अधिक का हो जाएगा।
पिछले साल 60 फीसदी बढ़ा ई-ग्रॉसरी बाजार
होमगार्डन कंसल्टिंग फर्म रेडसियर के अनुसार, ई-ग्रॉसरी बाजार 2020 में 60 फीसदी बढ़ा है और 2021 की पहली छमाही तक इसके 41-49 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। रेडसियर और बिगबास्केट की एक और रिपोर्ट के मुताबिक, नूडल्स और कुकीज जैसे फूड, नींबू जैसे इम्युनिटी बूस्टर, सैनेटाइजर जैसे हाइजीन प्रोडक्ट की मांग में तेजी रही।
लॉकडाउन के दौरान स्नैक्स और ब्रांडेड फूड में बिस्कुट और कुकीज सबसे बड़ी सब-कैटेगरी थीं, जिसकी मांग सबसे अधिक बढ़ीं। रेडसियर के संस्थापक और सीईओ अनिल कुमार ने कहा, “ऐसे पारंपरिक ब्रांड जो अब तक ऑफलाइन बिजनेस कर रहे थे, वे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर तेजी से आगे बढ़े हैं।”
2024 तक ऑनलाइन रिटेल सेल्स का 26.18 लाख करोड़ रु. तक पहुंचेगा
ग्लोबल मार्केट रिसर्च फर्म फॉरेस्टर के सीनियर एनालिस्ट सतीश मीणा ने कहा, “रिटेल मार्केट में ग्रॉसरी सबसे बड़ी कैटेगरी है। कोविड-19 महामारी के कारण ऑनलाइन ग्रॉसरी को बढ़ावा मिला है। ऑनलाइन रिटेल सेल्स 2019 से 2024 तक 30 प्रतिशत की CAGR से बढ़ेगी और 359 बिलियन डॉलर(करीब 26.18 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंच जाएगी।
भारत ऑनलाइन ग्रॉसरी की डिमांड में वृद्धि देख रहा है। हाल ही में फ्यूचर ग्रुप के रिटेल बिजनेस का रिलायंस ने अधिग्रहण किया है। ग्रॉसरी रिटेल की बात करें तो, वित्त वर्ष-20 में रिलायंस रिटेल का रेवेन्यू 34,600 करोड़ रुपए था और फ्यूचर रिटेल का रेवेन्यू 10 हजार करोड़ रुपए था। मीणा के अनुसार, ग्रॉसरी एक ऐसी कैटेगरी है जिसमें सबसे ज्यादा निवेश किए जाएंगे।
अगले 6 महीने में जियोमार्ट को वॉट्सऐप से जोड़ा जाएगा- मुकेश अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के चेयरमेन मुकेश अंबानी ने कहा कि जियोमार्ट और वॉट्सऐप लाखों भारतीय, छोटे व्यापारियों और किराना दुकानों के विकास के अवसरों को बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे। भारत में 1.5 करोड़ से अधिक मंथली वॉट्सऐप बिजनेस ऐप यूजर्स हैं। कुल मिलाकर 40 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। रिलायंस अगले छह महीनों के अंदर जियोमार्ट को वॉट्सऐप से जोड़ेगी।
लॉकडाउन में 52% लोगों ई-ग्रॉसरी ऐप को उपयोगी बताया
लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण ऑनलाइन ग्रॉसरी खरीदने में तेजी आई है। लॉकडाउन के दौरान 80 प्रतिशत लोगों ने कीमत और सिलेक्शन की बजाए सुविधा के लिए ऑनलाइन ग्रॉसरी को चुना। लोडसर्कल्स के एक सर्वे के अनुसार, 52 प्रतिशत ग्रॉसरी शॉपर्स ने ई-कॉमर्स ग्रॉसरी ऐप को लॉकडाउन के दौरान उपयोगी बताया।
लॉकडाउन के दौरान हर हफ्ते 32 फीसदी ऑनलाइन ग्रॉसरी शॉपर्स ने खरीदारी जरूर की। जबकि 38 फीसदी ने ई-कॉमर्स ग्रॉसरी ऐप से डिलीवर हुए फलों और सब्जियों को खराब क्वालिटी का बताया।
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