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पुरानी पेंशन बहालीः क्या हड़ताल कराना चाह रहे हैं अधिकारी?

लखनऊ। पुरानी पेंशन बहाली की मांग लगातार जोर पकड़ती जा रही है। इसको लेकर लखनऊ में कई बार प्रदर्शन हो चुके है।  पुरानी पेंशन बहाली मंच की प्रान्तीय महारैली के उपरान्त तीन दिवसीय हड़ताल से पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता के क्रम में कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के दो पदाधिकारियों को लेकर बनाई गई समिति की तीसरी वार्ता भी फेल रही। मुख्य सचिव के स्पष्ट निर्देश के बावजूद उक्त समिति में नामित प्रमुख सचिव स्तर के सिर्फ एक अधिकारी की उपस्थिति बाकी अफसरों द्वारा नामित अधिकारियों के बीच हुई वार्ता से नाराज कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी और अध्यक्ष दिनेश चंद शर्मा ने बताया कि समिति की बैठक को जानबूझ कर उलझाने का प्रयास किया जा रहा है।

जिन संगठनों ने उक्त आन्दोलन में भाग ही नही लिया उन संगठनों के नेताओं को बुलाकर पुरानी पेंशन मसले को छोडकर अन्य बाॅतों पर चर्चा कर समय व्यतीत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समिति की यह तीसरी बैठक भी फेल रही और अब मंच फिर एक बार हड़ताल की ओर अग्रसर है। मंच को इन तीन वार्ताओं के बाद कड़ा निर्णय लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है। मीडिया प्रभारी मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली मंच के आन्दोलन के चलते शासन द्वारा पुरानी पेंशन बहाली हेतु गठित कमेटी की तीसरी बैठक आज लोक भवन में सम्पन्न हुई।

बैठक में कमेटी में नामित अधिकारियों के शामिल न होने से मंच के पदाधिकारियों ने अपना आक्रोष जताया है। मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि शासन द्वारा कमेटी में शासन के अधिकारियों के अतिरिक्त पेंशन बहाली मंच के अध्यक्ष डा. दिनेश चन्द शर्मा एवं संयोजक को शामिल किया गया था। परन्तु शासन द्वारा सिर्फ समय व्यतीत करने के लिए ऐसे कर्मचारी नेताओं को बैठक में आमंत्रित कर उनसे पुरानी पेंशन बहाली पर राय मांगी जा रही है जो न तो इस आन्दोलन में शामिल थे और न ही उन्हें इसकी पूरी जानकारी है। इससे यह प्रतीत होता है कि शासन इस प्रकारण को गम्भीरता से नही ले रहा है।

यह तय वार्ता और बनाई गई समिति के साथ सीधे सीधे शासन की धोखाधड़ी है। मंच के अध्यक्ष डा. दिनेश चन्द शर्मा ने बातया कि हालांकि हमने पूर्व में कहा था कि हम इन बैठकों का बहिष्कार करेगें लेकिन हम लोग इस वजह से बैठकों में शामिल हो रहे है कि हमारी गैर मौजूदगी में इस प्रकरण पर एकतरफा एवं गलत निर्णय न ले लिया जाए। मंच पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रतिबद्ध है। शासन ने कमेटी बनाने के बाद जिस तरह से इस प्रकरण को लेकर लीपापोती और फूट डालो और राजनीति करों की नीति अपनाई है वह कर्मचारी, शिक्षक और अधिकारी समाज के साथ धोखा है। हम तय तिथि दो माह का इंतजार कर रहे है। मंच सरकार की मंशा को पूरी तरह से समझ चुका है। हमने सरकार को उसके अनुसार समय दे दिया है। अब हमें हड़ताल पर जाने से कोई नही रोक सकता। जल्द ही मंच की बैठक बुलाकर हड़ताल की तिथि घोषित कर दी जाएगी। अब यह अंदेशा जताया जाने लगा है कि क्या अफसर खुद ही चाहते हैं कि यह हड़ताल हो ताकि योगी सरकार पर आरोप लग सकें?

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