किसान आंदोलन: सियासी समीकरण साधने को एक मंच पर आए दंगों के आरोपित

मेरठ। किसान आंदोलन के बहाने राजनीतिक दलों द्वारा पश्चिमी यूपी के सियासी समीकरण साधे जा रहे हैं। मुजफ्फरनगर में हाल में हुई भाकियू की महापंचायत में 2013 के दंगों के आरोपित भी मंच पर पहुंचे और भाषण दिए। यह मामला वेस्ट यूपी की सियासत में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। दंगों में दिए गए इनके भाषणों की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुए 2013 के दंगों ने सियासी समीकरणों को तोड़ दिया था। मुस्लिमों और जाटों में हुए अलगाव के कारण रालोद की सियासी जमीन खिसक गई और भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया। अब किसान आंदोलन के सहारे उस पुराने सियासी समीकरणों को फिर से जोड़ने की कवायद चल रही है। भाकियू की हाल ही मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में हुई महापंचायत में दंगों के आरोपित भी मंच पर पहुंचे और खूब भाषण दिए।
मंच पर पहुंचे गुलाम मोहम्मद जौला
दंगों के आरोपित गुलाम मोहम्मद जौला भी महापंचायत में मंच पर पहुंचे। यहां पर रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने गुलाम मोहम्मद के पैर छुए। जबकि नरेश टिकैत ने उन्हें गले लगाया। भाकियू संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत के आंदोलन में सक्रिय भागीदारी करने वाले गुलाम मोहम्मद ने मंच से दंगों के समय मुस्लिमों को मारने की गलती का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जाटों ने मुस्लिमों को मारने की गलती की है। इस गलती का अब भूल जाओ। यह भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वायरल हो रहे सपा विधायक नाहिद हसन के वीडियो
महापंचायत में मंच से सपा विधायक नाहिद हसन के वीडियो वायरल हो रहे हैं। इसमें वह भाजपा सरकार पर करारे प्रहार कर रहे हैं और भाषण के अंत में ‘अल्लाह हू अकबर’ के जोरदार नारे भी लगाते हैं। जबकि दंगों के समय नाहिद हसन ने मुस्लिमों को हिन्दू दुकानदारों से सामान नहीं खरीदने को कहा था। दंगों के समय दिए नाहिद के भाषण का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। कैराना पलायन के चर्चित मामले में भी नाहिद हसन पर गंभीर आरोप है।
लव जिहाद के खिलाफ रहे हैं नरेश टिकैत
जिस तरह से दंगों के आरोपित मुस्लिम नेताओं ने भाकियू के मंच पर आकर भाषण दिए। इससे अधिकांश लोग असहमत है। क्योंकि भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत लव जिहाद के विरोधी रहे हैं। इस मामले में उनके पुराने भाषण के वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। जिसमें वह हिन्दू लड़कियों को बचाने के लिए कदम उठाने की बात कह रहे हैं।
परवान चढ़ रही राकेश टिकैत की महत्वाकांक्षा
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत पहले ही सियासत के मैदान में पारी खेलने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं। खतौली विधानसभा से भारतीय किसान दल के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं तो 2014 के लोकसभा चुनावों में रालोद के टिकट पर अमरोहा से चुनाव लड़े, लेकिन बुरी तरह से पराजित हुए। अब किसान आंदोलन के सहारे राकेश टिकैत के फिर से राजनीतिक पारी खेलने के कयास लगाए जा रहे हैं। इसलिए मुस्लिम-जाट समीकरण फिर से बनाने की कवायद तेजी से की जा रही है।
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