हिमाचल में भी उत्तराखंड जैसा खतरा: लाहौल स्पीति में 360 झीलों में बदलेंगे 65 ग्लेशियर

उज्जैन। ग्लेशियर नाम सुनते ही केदारनाथ की तबाही बरबस ही जेहन में उभर आती है। हाल ही में उत्तराखंड के चमोली में आफत बनकर गिरा ग्लेशियर केदारनाथ के जख्मों को हरा कर गया। ठीक इसी तरह की तबाही हिमाचल प्रदेश में भी आ सकती है।

ये दावा उज्जैन के डॉ. अंकुर पंडित ने किया है, जिन्होंने IIT बॉम्बे से इन ग्लेशियर पर सालों तक रिसर्च की है। लगातार बन रहे इन ग्लेशियर की मोटाई सहित अन्य जानकारी जुटाने के लिए पंडित ने ग्लेशियर (हिमाचल) में जाकर GPR सर्वे भी किया है।

सैटेलाइट से मिली तस्वीरें और कंप्यूटेशन मॉडलिंग से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन के कारण लाहौल स्पीति क्षेत्र की चंद्रा घाटी में 65 ग्लेशियरों पर आने वाले समय में करीब 360 छोटी और बड़ी ग्लेशियर झीलें बनेंगी, जिनका कुल आकार 49.56 वर्ग किमी का होगा, जो तबाही मचाने के लिए काफी होंगी।

मनाली से 40 किमी दूर है सिस्सू कस्बा। इस कस्बे के ऊपर पहाड़ों में एक झील है, जिसके आसपास ग्लेशियर जमा हुआ है। अगर ये ग्लेशियर पिघलता है तो झील में तेजी से पानी आएगा और नीचे की तरफ गिरेगा। इससे सिस्सू के 20 हजार लोगों को नुकसान हो सकता है।

डॉ. अंकुर ने बताया कि भविष्य में इन झीलों का स्टोरेज वॉल्यूम करीब 1.08 क्यूबिक किमी का होगा।

झीलों की निरंतर निगरानी करने की जरूरत
डॉ. अंकुर ने बताया, ‘हमें 2013 में केदारनाथ में हुए हादसे से सबक लेकर हिमालय क्षेत्र में बन रही इन झीलों की निरंतर निगरानी करने की जरूरत है। शोध में बताई गई जानकारी भविष्य में झील फटने जैसी घटनाओं को कम करने के लिए नीतियां तैयार करने में मदद करेगी।

नीति-निर्माताओं, आपदा प्रबंधन अधिकारियों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को इससे मदद मिलेगी। झीलों की निगरानी के लिए सैटेलाइट इमेजेस का भरपूर इस्तेमाल कर सकते हैं। सैटेलाइट फोटोज उपलब्ध कराने में इसरो और कई विदेशी संस्थाएं अहम भूमिका निभा रही हैं।

झीलों में काफी पानी होगा
डॉ. अंकुर ने बताया कि भविष्य में इन झीलों का स्टोरेज वॉल्यूम करीब 1.08 क्यूबिक किमी का होगा। इनमें से सबसे बड़ी झील गपांग गाथ ग्लेशियर पर बनेगी, जिसका आकार 2.06 वर्ग किमी का होगा। गपांग गाथ ग्लेशियर पर वर्तमान में मौजूद झील करीब 0.8 वर्ग किमी की है। गपांग गाथ ग्लेशियर पर भविष्य में बनने वाली झील का आकार बहुत बड़ा है और लगातार जलवायु परिवर्तन के कारण जब यह झील फटेगी तो इससे आई बाढ़ से सिस्सू गांव प्रभावित हो सकता है।

चमोली हादसे से सबक लेने की जरूरत: CM जयराम
हिमाचल के CM जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य को पनबिजली परियोजनाओं की योजना के संबंध में चमोली की घटना से सबक सीखने और हाइडल परियोजना के लिए स्थलों की पहचान करने की जरूरत है।

admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती मारा गया: अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…

1 month ago

चैंपियंस ट्रॉफी में IND vs NZ फाइनल आज: दुबई में एक भी वनडे नहीं हारा भारत

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…

1 month ago

पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, 63% खिताब चेजिंग टीमों के नाम

भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…

1 month ago

उर्दू पर हंगामा: उफ़! सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से…

अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…

1 month ago

किन महिलाओं को हर महीने 2500, जानें क्या लागू हुई शर्तें?

दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…

1 month ago

आखिर क्यों यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…

1 month ago