नई दिल्ली। हमारे देश में ज्यादातर लोग अपने जीवन की बचत के एक बढ़े हिस्से का उपयोग घार खरीदने में करते हैं। लेकिन इसके बाद भी वो अपनी प्रॉपर्टी को सुरक्षित करने पर ध्यान नहीं देते हैं। प्राकृतिक आपदाएं पहले की तुलना में अब ज्यादा होती जा रही हैं जो न केवल घर की बनावट को बल्कि उसमें रखे सामान को भी नुकसान पहुंचा सकती है। यूँ तो हम अपने घरों को सुरक्षित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करते हैं लेकिन फिर भी खतरा तो बना ही रहता है।
ऐसे में होम इंश्योरेंस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह आपके घर और समान को नुकसान पहुंचने से होने वाले वित्तीय नुकसान की भरपाई करता है। वर्तमान में, कई प्रकार की होम इंश्योरेंस पॉलिसी जैसे हाउसहोल्डर्स पॉलिसी और ऑल रिस्क होम इंश्योरेंस पॉलिसी आदि हैं जो कई प्रकार के कवरेज देती हैं। आपको अपनी आवश्यकता के अनुरूप पॉलिसी को चुनना होता है।
जब आप बीमा पॉलिसी चुन रहे हैं, तो पहला बड़ा कदम यह है कि पॉलिसी की नियमों और शर्तों पर एक नजर डालें ताकि इसके कवरेज और नॉन-कवरेज को समझा जा सके। क्लेम करने के तरीके को जानना बहुत जरूरी है ताकि आपको पता चले कि किसी होनी अनहोनी की स्थिति में क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए। हालांकि अधिकांश बीमाकर्ताओं के पास होम इंश्योरेंस के तहत दावा पाने के लिए तय प्रोसेस होती है, पर यहां नीचे कुछ आवश्यकताएं और सुझाव बताए जा रहे हैं जो आसानी से दावा पाने में आपकी मदद करेगा।
डॉक्यूमेंट की सॉफ्ट कॉपी जरूरी
विभिन्न स्थितियों में देने होते हैं अलग-अलग डॉक्यूमेंट
1 लाख से ज्यादा के नुकसान पर सर्वेकर्ता नियुक्त कर सकते हैं
यदि नुकसान 1 लाख रुपए से ऊपर है, तो बीमाकर्ता नुकसान के सत्यापन और मूल्यांकन के लिए एक स्वतंत्र सर्वेकर्ता नियुक्त कर सकता है। उसके विजिट पर, सर्वेयर को सभी नुकसान दिखाएं और खोए/क्षतिग्रस्त आइटम्स की लिस्ट भी रखें। यदि आपके पास इन वस्तुओं की कोई रसीद है, तो सर्वेयर के साथ भी साझा करें। एक बार जब आप सर्वेयर के साथ आवश्यक जानकारी दे देते हैं, तो वह संबंधित मूल्यांकन के साथ बीमाकर्ता को फाइनल सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
बीमाकर्ता बाद में किसी और जानकारी या दस्तावेज़ की आवश्यकता होने की स्थिति में आपसे संपर्क कर सकता है। आमतौर पर, 1 लाख रुपए तक के छोटे-छोटे दावों को निपटाने में 5-7 वर्किंग डेज लगते हैं। बीमित व्यक्ति द्वारा सभी डॉक्यूमेंट प्रस्तुत किए जाने के बाद 1 लाख रुपए से ऊपर के बड़े क्लेम्स के लिए लगभग 10 वर्किंग डे लगते हैं।
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…
भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…
अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…
दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…