भूमि पूजन: योगी बोले- एक हजार साल बाद महाराजा सुहेलदेव के शौर्य का हुआ सम्मान

बहराइचआ। ज बसंत पंचमी के मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार 11वीं शताब्दी में बहराइच-श्रावस्ती रियासत के सम्राट रहे सुहेलदेव की 1012वीं जयंती मना रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से वर्चुअल जुड़कर महाराजा सुहेलदेव स्मारक की आधारशिला रखी। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी ने स्मारक निर्माण के लिए भूमि पूजन किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एक हजार वर्ष के बाद महाराजा सुहेलदेव का स्मरण पहली बार किसी सरकार के द्वारा हुआ है। CM ने कहा कि जहां कहीं भी देश के वीरों की स्मृति होगी, उनका सरकार विकास करेगी।

मेडिकल कॉलेज का नाम महाराज सुहेलदेव के नाम रखा गया

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन अति महत्वपूर्ण है। आज ज्ञान की अधिष्ठात्री मां सरस्वती के जप-जप का दिन है तो वहीं आज विदेशी अक्रांता से इस धरती को सुरक्षित रखने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले धर्मरक्षक महाराजा सुहेलदेव की जयंती है। आज से 4 साल पहले एक मेडिकल कॉलेज इस क्षेत्र की आरोग्यता के लिए दिया गया था। मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हुआ और उसका नाम भी महाराजा सुहेलदेव के नाम से रखा गया है। उसका उद्घाटन भी मोदी के हाथों होने जा रहा है।

तीन साल पहले PM ने डाक टिकट जारी किया था

योगी ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव बालार्क ऋषि के शिष्य थे। इस क्षेत्र के राजाओं ने महाराजा सुहेलदेव के नेतृत्व में उस समय के बर्बर आक्रमणकारियों के खिलाफ युद्ध लड़ा था। उसके बाद किसी ने इस धरती पर आक्रमण करने का साहस नहीं जुटा पाया। जिला अस्पताल का नाम बालार्क ऋषि के नाम पर रखा गया है।

4 फरवरी को देश की आजादी के लिए लड़ने वाले देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए गोरखपुर के चौरी-चौरा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एक हजार वर्ष के बाद महाराजा सुहेलदेव का स्मरण पहली बार किसी सरकार के द्वारा हुआ है। 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने डाक टिकट जारी किया था। इससे सुहेलदेव के प्रति भारत की श्रद्धा को व्यक्त किया गया था।

प्रधानमंत्री ने सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास की जो बात कही है, उस पर प्रदेश सरकार अमल कर रही है। हर तबके के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। जहां कहीं भी देश के वीरों की स्मृति होगी, उनका सरकार विकास करेगी।

महमूद गजनवी व उसकी सेना को खत्म किया था

बता दें कि महाराजा सुहेलदेव 11वीं सदी में बहराइच-श्रावस्ती के सम्राट थे। सुहेलदेव ने महमूद गजनवी के भांजे सालार मसूद को मारा था। यह युद्ध चित्तौरा झील के तट पर लड़ा गया था। राजभर और पासी जाति के लोग उन्हें अपना वंशज मानते हैं। इन जातियों का असर पूर्वांचल की कई सीटों पर है।

82 बीघा जमीन पर बनेगा स्मारक

महाराजा सुहेलदेव का स्मारक बहराइच मुख्यालय से 8 किमी की दूरी पर गोंडा रोड पर चित्तौरा झील के किनारे है। स्मारक का निर्माण पयागपुर राजघराने की 82 बीघा जमीन पर होगा। इसे स्मारक समिति के अध्यक्ष राजा यशुवेंद्र विक्रम सिंह ने 30 साल के लिए लीज पर दिया है। यह भूमि महाराजा सुहेलदेव स्मृति न्यास को दी गई है। यह स्मारक 4.20 मीटर ऊंचा बनेगा। आज प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में महाराजा सुहेलदेव की वीरगाथा सुनाई जाएगी।

admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती मारा गया: अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…

1 month ago

चैंपियंस ट्रॉफी में IND vs NZ फाइनल आज: दुबई में एक भी वनडे नहीं हारा भारत

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…

1 month ago

पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, 63% खिताब चेजिंग टीमों के नाम

भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…

1 month ago

उर्दू पर हंगामा: उफ़! सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से…

अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…

1 month ago

किन महिलाओं को हर महीने 2500, जानें क्या लागू हुई शर्तें?

दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…

1 month ago

आखिर क्यों यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…

1 month ago