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सीतापुरः ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार ने पसारे पांव, प्रशासन अनजान

बिसवां-सीतापुर। भारत सरकार उत्तर प्रदेश सरकार की पहल से जिस तरीके से उत्तर प्रदेश में विकास की योजनाओं को लागू किया जा रहा है और उन पर क्रियान्वयन के लिए दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं कि काम अतिशीघ्र पूरा किया जाए और काम को सही तरीके से कराया जाए लेकिन उनमें कहीं भी कोई असर नहीं लग रहा कि सरकार की मंशा अनुसार कार्य किया जाए बल्कि हर जगह पर यही लग रहा है कि भ्रष्टाचार का बोलबाला ही नजर आ रहा है जो कि ग्राम पंचायतों में आम देखा गया है विकासखंड बिसवां में जिस तरीके से ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार ने अपने पांव पसार रखे हैं।

यह काबिले तारीफ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि जिस तरीके से सरकार के आदेश हैं वह आदेश कितने लागू हो रहे हैं और कितना उन पर सरकार की मंशा अनुसार कार्य किया जा रहा है यह बिसवां विकासखंड में देखा जा सकता है ग्राम पंचायतों में खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है लेकिन विभागीय अधिकारी अपनी चुप्पी साधे हुए बैठे हुए अब इस पर क्या कहा जा सकता है विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की चुप्पी है या फिर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए उनको खुला छोड़ रखा गया है जिससे कि ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव अपनी मनमानी कर सके और अपनी जेब भर सकें और ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि पूरा पैसा इन्हीं की जेब में नहीं जाता है।

ऊपर तक दिया जाता है कहने का तात्पर्य है कि विकास खंड तक इसका कमीशन जाता है अगर कमीशन नहीं जाता है तो इस तरीके से हो रहा है उस पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? ग्राम पंचायत बुढनापुर, जलालपुर और महमूद पुर में देखा गया कि यहां पर विकास योजनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है इज्जत घर के नाम पर सिर्फ खड़ा ही किया गया उनमें मानकों का कोई ध्यान नहीं रखा गया विकास योजनाओं में जमकर लूटपाट की जा रही है जो सरकार की मंशा के विपरीत ही जा रहा है इस पर आखिर क्यों लगाम नहीं लगाई जा पा रही है यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल बन चुका है।

जबकि सरकार की मंशा के अनुसार कार्य करना उनकी जिम्मेदारी है लेकिन वह किस तरीके से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन कर रहे हैं यह ग्राम पंचायतों में हो रहे कार्यों के ऊपर देखा जा सकता है आखिरकार विकासखंड में बैठे अधिकारियों को यह क्यों नहीं दिखाई पड़ रहा है कि काम में भ्रष्टाचार हो रहा है उसके बाद भी वह कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं जिससे कि ऐसा तो नहीं है कि उनकी भी जेब का वजन बढ़ा दिया गया और जब जेब का वजन बढ़ता है तो अपने आप ही कार्यों को आंखें बंद करके प्रमाणित कर दिया जाता है हालांकि इस बात से इनकार किया नहीं जा सकता है क्योंकि जो देखा जा रहा है वह काफी है भ्रष्टाचार को आइना दिखाने के लिए जबकि तेजतर्रार जिला अधिकारी सीतापुर शीतल वर्मा के सख्त निर्देशों के बावजूद भी अधिकारीयो की मिलीभगत कहा जाए या फिर मूक सहमति इस पर फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता है।

लेकिन विकास खंड स्तर से अगर इस पर कोई कार्यवाही नहीं होती है तो यह विकास योजनाओं के साथ खिलवाड़ जरूर कहा जाएगा क्योंकि यह मामला केंद्र सरकार से भी जुड़ा हुआ है और स्वच्छता अभियान से भी प्रेरित है यहां पर देखा गया है कि इज्जत घरों के नाम पर किसी भी मानक का उपयोग नहीं किया गया है अब इस पर कितनी जांच होती है यह तो समय के अनुसार ही तय किया जाएगा लेकिन जिस तरीके से कार्य चल रहा है उस पर कितनी जांच होगी और कौन से अधिकारी और कर्मचारियों की इसमें मिलीभगत शामिल होगी यह देखने से पता चलेगा जो जांच तय करेगी फिलहाल जांच क्या होगी या नहीं इस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है।

बीडीओ बिसवा की लापरवाही आई सामने,सरकारी खड़ंजा खोदने का मामला

सीतापुर। ग्राम पंचायत जलालपुर में लगने वाला मजरा मधवापुर चैराहा मोहम्मद शकील ने बताया कि उसके घर के सामने का सरकारी खड़ंजा खोद डाला गया है और शौचालय का पानी खुलेआम सड़क पर बह रहा है इस पर खंड विकास अधिकारी बिसवां को अवगत भी कराया जा चुका है लेकिन देखा गया की स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया गया है जबकि सरकारी खड़ंजा का मामला है जिसमें सरकारी राजस्व लगता है पर खंड विकास अधिकारी अवगत होने के बावजूद भी अब तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं जिससे गंभीर बीमारियां भी पनप सकती क्योंकि करंजे पर जो पानी बह रहा है वह शौचालय का पानी आखिर इस तरीके की लापरवाही खंड विकास अधिकारी क्यों कर रहे हैं यह सवाल बन कर खड़ा हो रहा है? क्योंकि सरकारी खड़ंजा खोदना एक अपराध माना जा सकता है परंतु खंड विकास अधिकारी की लापरवाही के चलते अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है और मामला जस के तस बना हुआ है जबकि शौचालय का पानी सड़क पर बहने से कई गंभीर बीमारियों का संकट भी आ सकता है।

क्या बोले खंड विकास अधिकारी बिसवां

इस सम्बन्ध में जब खण्ड विकास अधिकारी बिसवां से बात की गयी तो उन्होने बताया कि जो प्रकरण ग्राम पंचायत जलालपुर के मजरा मधवापुर चैराहा सरकारी खड़ंजा खोदने का है इस पर दोनों पक्षों की सहमति बनाई जा रही है और इस पर लगा खड़ंजा को सही किया जाएगा और ग्राम पंचायतों मे जो भ्रष्टाचार की बात कही जा रही है कोई शिकायत प्राप्त होने पर कार्यवाही की जाएगी।

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