सीतापुरः खाद्य विभाग के रहमोकरम पर हैं कार्ड धारक

सीतापुर। खाद्यान्न घोटाला और भ्रष्टाचार को लेकर हमेशा सुर्खियों में बना रहने वाला तहसील मिश्रित का क्षेत्रीय पूर्ति कार्यालय भा ज पा सरकार में भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। शासन द्वारा जारी खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लेकर बीते दो वर्षों से लगातार चल रहा आधार फीडिंग का कार्य थमने का नाम नही ले रहा है। पहले राशन कार्ड पाने हेतु आवेदन सैकड़ो बार ऑनलाइन कराये गये।

अब राशन कार्डों में आधार फीडिंग के नाम पर प्रत्येक मांह कोटेदारो से लेकर आपूर्ति कार्यालय तक जम कर शोषण किया जा रहा है। गोदाम प्रभारी ,बिपड़न अधिकारी , एवं पूर्ति निरीक्षक नित नए नए हथकंडे अपना कर गरीबों का राशन कालाबाजारी करने में मस्त चल रहे है क्षेत्र के कार्ड धारकों का आरोप है कि राशन कालाबाजारी और पूर्ति निरीक्षक की इच्छापूर्ती के चलते इस कार्यालय में आधार फीडिंग का कार्य पूरा हो पाना सम्भव नही है। बीते एक वर्ष से कार्ड धारकों व्दारा दर्जनों बार सम्बंधित कोटेदार व आपूर्ति अधिकारी को आधार फीडिंग कराने हेतु प्रति यूनिट आधार कार्ड और बैंक पासबुक की छाया प्रतियॉ उपलब्ध कराई जा चुकी हैं।

फिर भी यहॉ पर तैना पूर्ति निरीक्षक और कोटेदारों की दुरभि संधि के चलते प्रत्येक मांह उपभोक्ताओं से प्रति यूनिट आधार और बैंक किताब की छाया प्रति मांग कर उनका शोषण किया जा रहा है उपरोक्त कागज प्रत्येक मांह न देने पर उसको राशन नही दिया जाता है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर सैकड़ो बार उपलब्ध कराये गए आखिर यह कागज सब गए कहॉ ? कहीं ऐसा तो नही जमां कराये गए कागजो को रद्दी में बेंच कर उससे भी इच्छा पूर्ती कर ली गई हो।

फिलहाल यह बहुत ही गम्भीर जॉच का बिषय भी है। जब कि बीते समय यहां पर तैनात पूर्ति निरीक्षक पर क्षेत्र के कोटेदारों ने ही घूस मांगने का आरोप लगाकर सिकायती पत्र उच्चाधिकारियों को दिया था जिस पर उनका तो यहॉ से स्थानान्तरण हो गया और सिधौली में तैनात पूर्ति निरीक्षक को यहॉ का कार्य भार सौंपा गया है परंतु वह भी भ्रष्टाचार के आकंठ में डूब कर उनके ही नक्शे कदम पर चलने का कार्य कर रहे हैं । इस सम्बंध में यहां के दर्जनों उपभोक्ता कई बार तहसील समांधाम दिवस , थाना समांधान दिवस एवं मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल तक अपनी शिकायतें दर्ज करा चुके हैं।

फिर भी क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक और कोटेदारो पर कोई प्रभावी कार्यवाही न होना भी कुछ कम दिलचश्प नही है । इस सम्बन्ध में पूर्ति निरीक्षक से बात की गई तो बताया है कि पहले फीडिंग का कार्य हो रहा था अब सीडिंग का कार्य हो रहा है जब यह पूंछा गया कि प्रत्येक माॉह कार्ड धारकों से सभी यूनिटो के आधार व बैंक किताब की छाया प्रति क्यों ली जा रही है तो कहा कि अगर दो रुपये प्रति किलो गेहूं और तीन रुपये मे चावल लेना है तो प्रत्येक मांह सभी यूनिटो का आधार तो देना ही पड़ेगा।

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