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कीमत में उतार चढ़ाव: फरवरी में सोना 2 हजार तो चांदी 3 हजार सस्ती

नई दिल्ली। सोने-चांदी की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इसी को नतीजा है कि फरवरी महीने में ही सोना की कीमत में 2 हजार की गिरावट आई है। 1 फरवरी को सोना 48,700 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा था जो 28 फरवरी को 46,740 रुपए पर आ गया है।

चांदी भी 3 हजार रु. सस्ती हुई
अगर चांदी की बात करें तो फरवरी महीने में ही इसकी कीमत में 3 हजार की गिरावट आई है। 1 फरवरी को चांदी 71,804 रुपए प्रति किलोग्राम पर बिक रही थी जो 28 फरवरी को 68,800 रुपए पर है।

इस साल सोना 3500 रुपए टूटा, चांदी 1800 महंगी हुई
2021 सोने के लिए अब तक अच्छा नहीं रहा है। 1 जनवरी से अब तक सोना 3500 रुपए टूट चुका है। 1 जनवरी को सोना 50,300 रुपए पर था जो अब 46,740 पर है। यानी सिर्फ 2 महीने में ही सोने की कीमत 7% कम हुई है। वहीं अगर चांदी की बात करें तो वह 1800 रुपए महंगी हुई है। 1 जनवरी को चांदी 66,950 रुपए पर थी जो अब 68,800 पर है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने में आई गिरावट
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,772 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस हो गया। वैश्विक वायदा भाव कॉमेक्स पर सोना 1,733 डॉलर प्रति औंस पर है। अभी सोना 1800 डॉलर प्रति औंस के स्तर से नीचे आ गया है।

इंपोर्ट ड्यूटी घटने का भी असर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्‍त वर्ष 2021-22 के लिए पेश किए बजट में सोने और चांदी पर आयात शुल्क में भारी कटौती की घोषणा की है। सोने और चांदी पर आयात शुल्क में 5% की कटौती की है। इस समय फिलहाल सोने और चांदी पर 12.5% आयात शुल्क देना होता है। 5% की कटौती के बाद सिर्फ 7.5% इंपोर्ट ड्यूटी देनी होगी। इससे सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है।

आगे सोने के दाम में बहुत ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं
अर्थशास्त्री डॉ. गणेश कावड़िया (स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स,देवी अहिल्या विवि इंदौर के पूर्व विभागाध्यक्ष) के अनुसार निवेशक हमेशा ज्यादा और सुरक्षित मुनाफा चाहते हैं और यह मुनाफ़ा उन्हें स्टॉक मार्केट, FD, विभिन्न प्रकार के बॉन्ड या सोने में पैसा लगाने से मिलता है।

हालात जब सामान्य होते हैं तो यह मुनाफा स्टॉक मार्केट, बॉन्ड आदि से मिलता है लेकिन जब दुनिया की अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता की स्थिति बन जाती है तो निवेशक सोने में निवेश बढ़ा देते हैं। उनको लगता है कि सोने से उन्हें सुरक्षा मिलेगी और उसकी क़ीमत नहीं घटेगी। इसकी वजह से कोरोनाकाल में निवेशकों में सोने की मांग बढ़ गई थी।

अब हालात सामान्य हो रहे हैं और लोगों का सोने के प्रति आकर्षण कम हो रहा है। इसके अलावा इंपोर्ट ड्यूटी घटने और डॉलर मजबूत होने के कारण भी सोने के दाम में कमी आई है। इस कारण अब आने वाले 1-2 सालों में सोने की न तो बहुत ज्यादा बढ़ेगी न कम होगी, ये लगभग स्थिर ही रहेगी।

चीन के बाद भारत में सोने की सबसे ज्यादा खपत
चीन के बाद भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा बाजार है। हालांकि, हमारे यहां सोने का उत्पादन 0.5% से भी कम होता है। लेकिन, डिमांड कुल वैश्विक मांग की 25% से भी ज्यादा है। भारत में सालाना 800 से 900 टन सोने की मांग रहती है।

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