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डेटा ब्रीच की घटना: सिंगापुर एयरलाइन्स के 5.80 लाख यात्रियों का डेटा लीक

नई दिल्ली। सिंगापुर एयरलाइन्स (एसआईए) ने कहा है कि लगभग 580,000 यात्री (जिसमें क्रिशफ्लायर और पीपीएस मेंबर शामिल हैं) एक डेटा ब्रीच की घटना से प्रभावित हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इस डेटा ब्रीच में एयर ट्रांसपोर्ट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी SITA का पैसेंजर सर्विस सिस्टम सर्वर शामिल हैं।

क्रेडिट कार्ड डिटेल समेत अन्य संदेवनशील डेटा सुरक्षित-एसआईए एसआईए ने कहा कि इस डेटा ब्रीच में खासतौर से क्रिशफ्लायर और पीपीएस मेंबर्स का पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड डिटेल और ग्राहक की अन्य जानकारियां जैसे ट्रैवल डिटेल्स, रिजर्वेशन, टिकटिंग, पासपोर्ट नंबर और ईमेल एड्रेस शामिल नहीं हैं। ऐसी जानकारियों को अन्य स्टार एलायंस मेंबर एयरलाइन्स के साथ शेयर नहीं किया जाता है।

स्टार एलायंस मेंबर्स एयरलाइन्स आपस में शेयर करती हैं सीमित डेटा

  • सभी स्टार एलायंस मेंबर्स एयरलाइन्स गठबंधन के लिए फ्रीक्वेंटली फ्लायर प्रोग्राम डेटा का कुछ सीमित जानकारियां आपस में शेयर करते हैं। एसआईए ने कहा कि यह डेटा ट्रांसफर पैसेंजर का मेंबरशिप लेवल वेरिफाई करने के लिए जरूरी होता है, ताकि उसे सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।
  • एसआईए सीधे तौर पर SITA का ग्राहक नहीं है लेकिन स्टार एलायंस के मेंबर एयरलाइन्स में से एक SITA का ग्राहक है। जिस कारण SITA के पास सिंगापुर एयरलाइन्स समेत सभी 26 स्टार एलायंस मेंबर एयरलाइनों के फ्रीक्वेंट फ्लायर प्रोग्राम डेटा के प्रतिबंधित सेट तक पहुंच है।
  • हालांकि, इसमें शामिल जानकारियां मेंबरशिप नंबर और टियर स्टेट्स और कुछ मामलों में मेंबरशिप नाम तक ही सीमित है। सिंगापुर एयरलाइन्स डेटा ट्रांसफर के लिए अन्य स्टार एलायंस मेंबर एयरलाइन्स के साथ इसे शेयर करती है।

एसआईए ने आगे आकर यात्रियों से माफी मांगी
एसआईए ने कहा कि उसके किसी भी आईटी सिस्टम पर ब्रीच का कोई असर नहीं हुआ है और वे सभी क्रिशफ्लायर और पीपीएस मेंबरों को घटना की जानकारी दे रहे हैं। “हमारे ग्राहकों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा सिंगापुर एयरलाइन्स के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और हम इस घटना के लिए ईमानदारी से खेद व्यक्त करते हैं और असुविधा के लिए माफी चाहते हैं।” वहीं, SITA ने एक अलग बयान में कहा कि यह साइबर हमले था।

डेटा ब्रीच क्या होता है?
डेटा ब्रीच वह घटना होती है, जिसमें किसी व्यक्ति, कंपनी या संगठन की महत्वपूर्ण और संवेदनशील जानकारियों को साइबर अपराधियों द्वारा देखा, एक्सेस या चुरा लिया जाता है।

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