अब हाइड्रोजन से होगा विद्युत का उत्पादन; BHU IIT में शोधकर्ताओं को मिली सफलता

वाराणसी। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन (NHM) के अंतर्गत BHU IIT में शोधकर्ताओं ने हाइड्रोजन से बिजली बनाने में सफलता प्राप्त किया हैं। केमिकल इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजेश कुमार उपाध्याय और उनकी टीम ने मेथनॉल से अल्ट्रा-शुद्ध हाइड्रोजन उत्पादन के लिए मेंबरेन रिफार्मर तकनीक पर आधारित एक प्रोटोटाइप (वर्किंग मॉडल) विकसित किया है।

यह विकसित प्रोटोटाइप भारत में अपनी तरह का पहला होगा और दुनिया भर में ऐसी कोई भी व्यावसायिक इकाइयां उपलब्ध नहीं हैं। 13 लीटर हाइड्रोजन से एक किलोवाट विद्युत के उत्पादन में सफलता मिली हैं।

इसका उपयोग मोबाइल टावरों को बिजली देने के लिए किया जा सकता है

डाॅ. उपाध्याय ने बताया कि यह प्रोटोटाइप जीवाश्म ईंधन के उपयोग और कार्बन फुटप्रिंट को काफी कम करेगा। कॉम्पेक्ट इकाई के चलते इसका उपयोग ऑन-साइट या ऑन-डिमांड अल्ट्रा-शुद्ध हाइड्रोजन उत्पादन के लिए किया जा सकता है। इस तकनीक से मात्र 15 एमएल/प्रति मिनट मेथनाॅल से 13 लीटर/प्रति मिनट 99.999 प्रतिशत शुद्ध हाइड्रोजन अलग किया जा सकता है और इसी प्रोटोटाइप को हाइड्रोजन ईंधन सेल के साथ एकीकृत कर 1 किलोवाॅट बिजली का उत्पादन करने में भी सफलता पा ली है। एक बार स्केल की गई इकाई का उपयोग मोबाइल टावरों को बिजली देने के लिए किया जा सकता है और डीजल-आधारित जनरेटर के स्थान पर बेहतर विकल्प बन सकता है।

प्रोटोटाइप ( वर्किंग मॉडल ) से उतपन्न विधुत से 100 वाट के बल्ब और लैपटॉप पर डेमोस्ट्रेशन किया गया।

इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करने के लिए हो सकता है उपयोग

विकसित प्रोटोटाइप का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है। उनकी टीम मोबाइल इलेक्ट्रिक वाहन चार्जर के क्षेत्र में काम कर रही है। जहां विकसित प्रोटोटाइप को मोबाइल वैन में स्थापित किया जा सकता है जिसे बिजली उत्पन्न करने के लिए हाइड्रोजन ईंधन सेल के साथ एकीकृत किया जा सकता है और चार्जिंग के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।

ढाई साल से 6 लोगो की टीम लगातार शोध कर रही हैं।

संपूर्ण यूनिट भारत में निर्मित है

इससे न केवल यूजर का समय बचेगा बल्कि चार्जिंग स्टेशनों पर कतार भी कम होगी। उन्होंने बताया कि यह इकाई हाइड्रोजन-आधारित कार के लिए बेहद कारगर साबित हो सकती है। आवश्यक हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिए ऐसी इकाइयों को पेट्रोल पंपों पर स्थापित किया जा सकता है। एक किलोवाट प्रोटोटाइप के डिजाइन की वर्तमान परियोजना भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्त पोषित है। संपूर्ण यूनिट भारत में निर्मित है।

IIT के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि मेंबरेन रिफार्मर तकनीक पर आधारित प्रोटोटाइप यूनिट PM मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ और ’आत्मनिर्भर भारत’ की पहल को भी बढ़ावा देती है। हमारी टीम सरकार के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। संस्थान उन अग्रणी संस्थानों में से एक है जो हाइड्रोजन ऊर्जा के सभी पहलुओं पर काम कर रहा है।

admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती मारा गया: अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…

1 month ago

चैंपियंस ट्रॉफी में IND vs NZ फाइनल आज: दुबई में एक भी वनडे नहीं हारा भारत

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…

1 month ago

पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, 63% खिताब चेजिंग टीमों के नाम

भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…

1 month ago

उर्दू पर हंगामा: उफ़! सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से…

अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…

1 month ago

किन महिलाओं को हर महीने 2500, जानें क्या लागू हुई शर्तें?

दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…

1 month ago

आखिर क्यों यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…

1 month ago