नई दिल्ली। केद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन मे आत्मनिर्भर बनने की बात कही गई थी। मोदी सरकार का मानना था कि इससे रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और देश का पैसा देश मे ही रहेगा। यह बात शाबित होते हुए भी दिख रही है। 2016 से अबतक की बात करें तो भारत हथियारों के आयात मे काफी कटौती किया है।
आपको बता दें, कि भारत ने पिछले 5 सालों मे हथियारों के आयात मे काफी कटौती किया है। जिसके कारण रूस और अमेरिका को बड़ा झटका लगा है। जानकारी के लिए बता दें, कि रूस और अमेरिका दो ऐसे देश है जिनसे भारत अधिक मात्रा मे हथियारों का आयात करता है।
जानकारी के लिए बता दें, कि 2016-20 के बीच हथियारों के आयात में 33 फीसदी की कमी आई है, और इसका सबसे ज्यादा असर रूस और अमेरिका पर पड़ा है। अमेरिका से हथियारों के आयात मे 46 फीसदी की कमी आई है। वहीं रूस से भारत ने हथियारों के आयात मे 33 फीसदी की कमी की है।
हथियारों के आयात मे कमी आने का कारण
बताते चलें कि सरकार घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और 2025 तक 1.75 लाख करोड़ रुपये के रक्षा कारोबार का लक्ष्य रखा है। रक्षा थिंक टैंक सिपरी ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी की जिसके मुताबिक देश की खरीद प्रक्रिया को बढ़ाने और बाहरी हथियारों पर निर्भरता कम करने की कोशिशों के तहत भारत के हथियार आयातों में कमी आई है।
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