दरोगा की शहादत को नमन:शहीद प्रशांत यादव को पुलिस लाइन में दी गई श्रद्धांजलि

आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में शहीद हुए सब इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार यादव को गुरुवार को पुलिस लाइन में सलामी दी गई। इस मौके पर ADG राजीव कृष्ण, SSP बबलू कुमार, सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी। बताया जा रहा है कि आज दोपहर बाद प्रशांत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव छतारी पहुंचेगा। प्रशांत बुलंदशहर के कस्बा छतारी के रहने वाले थे और 2005 में उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे।

वर्ष 2015 में प्रशांत कुमार यादव उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा के पद पर प्रोन्नत हो गए थे। प्रशांत यादव के परिवार की अगर बात करें तो प्रशांत यादव अपने पूरे परिवार में इकलौता बेटा था। प्रशांत की एक सगी बहन है और तीन चाचा की बेटी हैं।

शहादत को नमन करते वरिष्ठ अधिकारी।

प्रशांत के पिता की सड़क दुर्घटना में हो चुकी है मौत

प्रशांत के पिताजी रमेश चंद की सन 2008 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। उसके 1 साल बाद ही प्रशांत के चाचा जय सिंह की 2009 में हार्ट अटैक से मौत हुई थी। 2009 के बाद से ही प्रशांत अकेले ही अपने कंधों पर दो परिवारों का खर्च चला रहे थे। प्रशांत के परिवारों की अगर बात करें तो उनके परिवार में प्रशांत के अलावा कोई और लड़का नहीं है। प्रशांत के चाचा के तीनों बेटियां अविवाहित हैं।

प्रशांत यादव को पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देते वरिष्ठ अधिकारी।

परिजनों को चिंता- अब कैसे चलेगा परिवार

प्रशांत की चाची का कहना है कि अब हमारा परिवार कैसे चलेगा। हमारे पूरे परिवार का चिराग ही बुझ गया। उनकी चाची सरकार से मांग कर रही हैं कि परिवार को एक नौकरी देने से हमारा कोई भला नहीं होगा। सरकार हमारी तरफ सोचे कि अब हमारे परिवारों को खर्च कैसे चलेगा जिन्होंने मेरे बेटे की हत्या की है सरकार उन को सख्त से सख्त सजा दे। प्रशांत के परिवार के कुछ लोग आगरा में है और कुछ उनके पैतृक कस्बा छतारी में है।

क्या है मामला

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में दो भाइयों के बीच विवाद सुलझाने गए दारोगा (SI) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात के बाद आरोपी फरार हो गया। पुलिस अधिकारी की हत्या की खबर मिलते ही ADG, IG और SSP सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि आगरा के खंदौली थाने में आने वाली टोल प्लाजा चौकी पर तैनात दारोगा प्रशांत यादव के पास बुधवार शाम एक फोन आया।

फोन करने वाले ने बताया कि नहर्रा गांव में आलू की फसल को लेकर दो सगे भाइयों में विवाद हो गया है। छोटा भाई विश्वजीत मजदूरों को धमका रहा है। सूचना के बाद प्रशांत यादव सिपाही चंद्रसेन के साथ नहर्रा गांव पहुंचे। यहां विश्वनाथ तमंचा हाथ में लेकर मजदूरों को धमका रहा था। प्रशांत ने बीच-बचाव किया, इस दौरान फायरिंग में प्रशांत को गोली लग गई।

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