स्मार्ट फोन के इस दौर में गूगल मैप हमारा मार्गदर्शक बना हुआ है। कैब से कहीं जाना हो या रेस्टोरेंट से घर पर खाना मंगाना, गूगल मैप के बिना इन सर्विस के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। गूगल हमारी इस जरूरत को ईको फ्रेंडली बनाने जा रहा है। गूगल मैप्स जल्द ही लोगों को सबसे कम प्रदूषण वाले ईको फ्रेंडली रास्तों से उनकी मंजिल तक पहुंचाएगा। यानी यह ऐसे रास्ते होंगे जहां प्रदूषण का स्तर कम हो।
गूगल का कहना है कि गूगल मैप्स के इस नए ईको फ्रेंडली फीचर की शुरुआत इस साल के आखिर तक अमेरिका में होगी और इसके बाद बाकी देशों में इसे लॉन्च किया जाएगा।
अब तक गूगल मैप्स सबसे छोटा रास्ता या ऐसा रास्ता बताता है जिनसे कम से कम समय लगे। जाम या किसी तरह की रुकावट होने पर भी वैकल्पिक रास्ते बताता है।
कैसे काम करेगा यह फीचर?
गाड़ियों की संख्या से लेकर, ढलान-चढ़ाई के डेटा से लेकर, सैटेलाइट तस्वीरों का होगा इस्तेमाल
गूगल ने सड़कों पर ग्रीन हाउस गैसों का अनुमान लगाने के लिए अलग-अलग रास्तों से गुजरने वाले वाहनों की संख्या, वाहनों के प्रकार (डीजल, पेट्रोल या सीएनजी), सड़कों के प्रकार के साथ अमेरिकी सरकार के नेशनल रिन्यूएबल एनर्जी लैब (एनआरईएल) का डेटा इस्तेमाल किया। इनमें सड़कों की ढलान और चढ़ाई जैसा डेटा भी शामिल है।
वहीं गूगल ने अपनी स्ट्रीट व्यू गाड़ियों के साथ ड्रोन और सैटेलाइट तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया। इसी तरह बाकी देशों में ग्रीन रूट्स की पहचान की जाएगी।
आप कम ग्रीन हाउस गैसों वाले इलाकों से गुजर रहे हैं…जून से मिलेगी चेतावनी
इसके अलावा जून 2021 से गूगल ड्राइवरों को कम कार्बन गैसों वाले इलाकों से यात्रा करने के बारे में भी चेतावनी देना शुरू करेगा। जर्मनी, फ्रांस और नीदरलैंड जैसे देशों में ऐसे कम कार्बन गैसों वाले इलाकों में वाहनों पर पाबंदी है।
रास्तों के साथ अलग-अलग मोड की कर सकेंगे तुलना
इस साल के अंत तक गूगल मैप्स एक और फीचर शुरू करेगा। इसमें यूजर को रास्तों के विकल्प तो मिलेंगे ही, साथ ही वह यात्रा करने के अलग-अलग तरीकों के बीच एक ही जगह पर तुलना भी कर सकेगा। जैसे कार, साइकिल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट आदि। अभी तक अलग-अलग मोड से यात्रा के विकल्पों की तुलना करने के लिए बार-बार यूजर को मोड पर स्विच करना होता है।
मौसम और एयर क्वालिटी मैप भी हो रहे तैयार
गूगल मौसम और हवा की गुणवत्ता के आधार पर नए मैप (वेदर एंड एयर क्वालिटी लेयर मैप) तैयार कर रहा है। इन्हें आने वाले महीनों में एंड्रॉयड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म्स के लिए रोल-आउट किया जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह मैप सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका में लॉन्च किया जाएगा।
हमारी हेल्थ के लिए बेहद खतरनाक है सड़कों का पॉल्यूशन
हाईवे पर गाड़ियों से सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, ऑक्साइड्स ऑफ नाइट्रोजन, लेड, पार्टिक्युलेट मैटर जैसे प्रदूषण फैलाने वाली गैस और कण निकलते हैं। इनके अलावा खास केमिकल रिएक्शन से ओजोन भी बनती है। यह सभी हमारी हेल्थ के लिए बेहद नुकसानदायक हैं।
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