लखनऊ : ढाई महीने में 13,313 डेथ सर्टिफिकेट, सरकारी आंकड़ों में कोरोना से सिर्फ 1042 मौतें

लखनऊ। लखनऊ में कोरोना से होने वाली मौतों के सरकारी आंकड़ों और हॉस्पिटल से जारी किए गए डेथ सर्टिफिकेट में बड़ा अंतर है। एक मार्च 2021 से 17 मई तक लखनऊ में 1042 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। ये सरकारी आंकड़ा है।

इसी दौरान यानी करीब ढाई महीने में लखनऊ में 13 हजार से ज्यादा डेथ सर्टिफिकेट जारी किए गए। 1 के 15 मई तक, यानी 15 दिनों में ही 4,802 डेथ सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं। यह पिछले साल कोरोना आने के बाद से अब तक किसी एक महीने में जारी किए डेथ सर्टिफिकेट की सबसे बड़ी संख्या है।

पिछले डेढ़ महीने में 2 हजार डेथ सर्टिफिकेट बढ़े
डेढ़ महीने में लखनऊ में कोरोना के हालात कितने भयावह हैं, इसका अंदाजा अलग-अलग हॉस्पिटल और नगर निगम से जारी डेथ सर्टिफिकेट के आंकड़े दे रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने यानी 1 अप्रैल से 15 मई तक 7,890 डेथ सर्टिफिकेट जारी हुए हैं। इसी साल 15 फरवरी से 31 मार्च तक 5970 डेथ सर्टिफिकेट जारी हुए थे। ढाई महीने में जारी 13,313 डेथ सर्टिफिकेट में 4,752 महिलाओं के हैं। एक ट्रांसजेंडर का भी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है।

यह फोटो लखनऊ के बैकुंठ धाम की दो हफ्ते पुरानी है। यहां तब हर दिन 150 से अधिक शव रोज लाए जा रहे थे। स्थिति यह थी चिताओं को जलाने के लिए दूसरे जिलों से लकड़ियां मंगवानी पड़ी थी।

डेथ सर्टिफिकेट जारी करने का नियम
करीब 3 साल पहले सेंट्रल ऑनलाइन सिस्टम लागू होने के बाद सरकारी अस्पतालों के साथ कुछ निजी अस्पतालों को भी बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार दिया गया। इसके मुताबिक…

  • जिस अस्पताल में मौत हुई, यदि उसके पास अधिकार है, तो वह सर्टिफिकेट वहीं से जारी करेगा।
  • नगर पालिका, नगर पंचायत उन मामलों में सर्टिफिकेट जारी करेगा, जहां मौत घर पर हुई हो या उस अस्पताल को सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार न हो।
  • सर्टिफिकेट तब ही जारी होगा, जब इसके लिए परिवार का कोई सदस्य आवेदन करता है
  • मौत के समय अस्पताल से सिर्फ स्लिप लिखकर दी जाती है। बाद में स्लिप के आधार पर सरकार से अधिकृत प्रमाण पत्र जारी करते हैं।
  • लखनऊ में बलरामपुर अस्पताल, पीजीआई लोहिया, लोकबंधु अस्पताल, सिविल हॉस्पिटल और केजीएमयू अपने यहां का जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करते हैं।

मौतों का यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है
मौतों का आंकड़ा और ज्यादा हो सकता है, क्योंकि लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या मरने वालों के परिवार प्रमाण पत्र नहीं बनवा पा रहे हैं। वहीं, गांवों में होने वाली तमाम मौतों की वजह भी साफ नहीं है और न ही ग्रामीण अपने परिजन की मौत को कोरोना से हुई मौत बताना चाहते हैं।

CMO बोले- डेथ सर्टिफिकेट के आंकड़ों के बारे में जानकारी नहीं है
वहीं, डेथ सर्टिफिकेट जारी करने वाले CMO भी ये जानकारी देने से कतरा रहे हैं। सीएमओ लखनऊ डॉक्टर संजय भटनागर का कहना है कि डेथ सर्टिफिकेट के आंकड़ों के बारे में जानकारी नहीं है, पता करके बता सकता हूं। लखनऊ नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने कहा कि डेथ सर्टिफिकेट के बारे में डिटेल जानकारी करनी होंगी।

admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती मारा गया: अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…

1 month ago

चैंपियंस ट्रॉफी में IND vs NZ फाइनल आज: दुबई में एक भी वनडे नहीं हारा भारत

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…

1 month ago

पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, 63% खिताब चेजिंग टीमों के नाम

भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…

1 month ago

उर्दू पर हंगामा: उफ़! सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से…

अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…

1 month ago

किन महिलाओं को हर महीने 2500, जानें क्या लागू हुई शर्तें?

दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…

1 month ago

आखिर क्यों यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…

1 month ago