नई दिल्ली। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच उद्योग जगत अपने कर्मचारियों उनके परिवार की मदद के लिए आगे आया है। साथ ही वह सरकारों की सहायता करने के लिए कदम उठा रहा हैं। अनेक कंपनियां महामारी से संक्रमित कर्मचारियों के परिवारों को वित्तीय मदद, दवाएं और अन्य सहायता उपलब्ध करा रही हैं।
उद्योग जगत ने केवल अपने कर्मचारियों के प्रति ही नहीं बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों तथा स्थानीय प्रशासन समेत गैर सरकारी संगठनों को भी भारी वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है ताकि जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सके।
इसकी शुरुआत कांच का सामान बनाने वाली कंपनी बोरोसिल ने की जिसने इस महीने की शुरुआत में कोरोना महामारी से मरने वाले अपने चार कर्मचारियों के परिवारों को दो साल का वेतन दिया। अब कई और बड़ी तथा छोटी कंपनियां अपने कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को वित्तीय, चिकित्सा और शैक्षिक सहायता उपलब्ध करा रही हैं।
बोरोसिल समूह के प्रबंध निदेशक श्रीवर खेरुका ने एक मई को कहा था कि कोरोना संक्रमण के कारण मरने वाले चार कर्मचारियों के परिजनों को शैक्षिक, चिकित्सा और बीमा सहायता के अलावा दो साल के वेतन की सहायता दी जाएगी।
इस तरह के कदम दवा निर्माता कंपनी सन फार्मा, बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर ने भी लिए हैं और अपने कर्मचारियों को मदद प्रदान की है। दो पहिया वाहन निर्माता कंपनी बजाज ने कोरोना के कारण मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों को दो वर्ष की वित्तीय सहायता प्रदान करने और बच्चों को शिक्षा समेत चिकित्सीय खर्च उठाने की घोषणा की।
रियल एस्टेट कंपनी लोढ़ा समूह ने भी महामारी के कारण जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिवार को 12 महीने का वेतन और अन्य सहायता देने की घोषणा की है। अक्षय ऊर्जा कंपनी रिन्यू पावर ने कोरोना के कारण जान गवांने वाले एक कर्मचारी को तीन महीने का पूरा वेतन और परिवार को अगले दो वर्ष तक पचास प्रतिशत वेतन देने की घोषणा की है।
सार्वजनिक उद्यम भारत पेट्रोलियम भी संकट के इस समय में अपना योगदान देते हुए कोच्चि रिफाइनरी द्वारा एक स्कूल में संचालित 1,500 बेड वाले कोविड अस्पताल में मुफ्त पानी और बिजली के साथ 400 टन चिकित्सीय ऑक्सीजन मुफ्त आपूर्ति करेगी।
भारत पंप्स एंड कम्प्रेशर लिमिटेड भी केरल में एक सरकारी अस्पताल को पिछले एक महीने से मुफ्त में चिकित्सीय ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है। वॉल स्ट्रीट की दिग्गज कंपनी जेपी मॉर्गन के एशिया- प्रशांत प्रमुख फिलिपो गोरी ने कहा कि उसने अपने 35,000 से अधिक भारतीय कर्मचारियों की देखभाल के लिए 38 लाख अमरीकी डॉलर का कोष बनाया है।
आईटीसी भी कोरोना से संक्रमित कर्मचारियों का चिकित्सा खर्च वहन कर रही है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर कंपनी एक्सेंचर, सन फार्मा, टाटा, टीवीएस मोटर, महिंद्रा, एयरटेल और एनटीपीसी जैसे कंपनियां अस्थायी कोविड देखभाल केंद्रों की स्थापना से लेकर चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति में अपना भरपूर योगदान दे रही हैं।
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