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कोरोना की दूसरी लहर पर क्या है विशेषज्ञों की खास हिदायतें

ओम दत्त

कोरोना अब पहले की तुलना में और ज्यादा खतरनाक हो गया है। आलम तो यह है कि हर दिन चार लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। हालांकि जो लोग डॉक्टरों की सलाह मान रहे हैं, 99 प्रतिशत ऐसे लोग ठीक भी हो जा रहे हैं जबकि एक प्रतिशत ऐसे लोग है जो केवल लापारवाही के चलते अपनी जान गवां रहे हैं।

कोरोना की दूसरी स्ट्रेन, वायरस के म्यूटेशन के कारण ज्यादा खतरनाक हो रही है और म्यूटेंट वायरस का हमला होने पर कोरोना के नए-नए लक्षण दिख रहे हैं। कोरोना के दूसरे स्ट्रेन के लक्षणों को डाक्टर भी ज्यादा नहीं जानते हैं और मरीज भी खुद को सामान्य मानते हुए इलाज में देरी कर दे रहा है जो घातक हो जा रही है। आइए जानते हैं क्या है खास हिदायतें….

  • 1.शरीर में कोई भी कष्ट पता चले भले हल्का ही हो तो मानें कि कोरोना का ही असर है औरतुरंत कोरोना मानकर इलाज लें।
  • 2.डायरिया,गले में खराश,पेट में ऐंठन मरोड़,दस्त,सर दर्द को भी कोरोना वायरस का ही अटैक मानें।
  • 3.हल्का बुखार 99हो तो भी केवल पैरासिटामाल के भरोसे न रहें।
  • 4.104-105 बुखार यदि कम नहीं हो रहा है तो पूरे शरीर को ठण्ढे पानी की पट्टी से कम करें,इसमें देरी न करें।
  • 5.कोरोना (RTPCR) टेस्ट रिजल्ट का इंतजार न करें। बीमारी की गंभीरता को समझें ।
  • 6.एंटीजन और RTPCR से भी कोरोना पकड़ में नहीं आ पा रहा इसलिये निगेटिव रिपोर्ट पर भरोसा अधिक न करें।
  • 7.लक्षण हल्के हों तो भी आइसोलेशन में चले जांय और आधी अधूरी दवाइयां न खा कर किसी अच्छे फीजिशियन की सलाह से पूरी दवायें लें।8.कोरोना का गंभीर असर तुरंत नहीं पांचवें दिन से दिखाई देने लगता है इसलिये शुरू होने के पांच से सात दिन खतरनाक हो जाते हैं। इसलिये पांचवें दिन CBP CRP D DIMER TEST टेस्ट करायें जिससे इंफेक्शन के असर का पता चल जायेगा।
  • 9.छठे या सातवें दिन तबियत ज्यादा खराब होने पर डाक्टर की सलाह हो तभी CT करायें।
  • 10.-RTPCR टेस्ट में जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है और लक्षण भी हैं तो हाई रेजोल्यूशन कॉम्प्यूटेड टोमोग्राफी (HRCT) टेस्ट से शरीर में वायरल इंफेक्शन की मौजूदगी का पता आसानी से चल जाता है।
  • 11.दूसरे स्टेज का ट्रीटमेंट (स्टीरॉयड) छठे दिन से शुरू कर दें इसमें देरी न करें।
  • 12.Steroid की डाक्टर द्वारा बताई गई पर्याप्त डोज लें और डाक्टर की ऐडवाइस पर साथ में खून पतला करने और खून में थक्का बनाने से रोकने की दवा भी लें।
  • 13.ऑक्सीजन लेवल लगातार मानीटर करते रहें। पल्स आक्सीमीटर को स्थिर होकर बीच की पहली उंगली में एक मिनट तक लगाकर रखें।
  • 14.नापने में लापरवाही के कारण ऑक्सीजन लेवल का गिरना (Hypoxia) समय से पकड़ में नहीं आयेगा। ऑक्सीजन गिरने पर अस्पताल पहुंचने में देरी न करें।
  • 15.SpO2 लेवल अगर 94 से नीचे है तो यह हाइपोक्सेमिया की समस्या का रूप ले सकता है। और अगर रीडिंग 90 से नीचे है तो यह संकेत है कि आपको मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता है।
  • 16.मल्टीविटामिन और विटामिन सी हर रोज लेते रहें।
  • 17.आधे घंटे की पसीना निकालने वाला व्यायाम और फेफड़ों को मजबूत करने के लिये अनुलोम विलोम,भस्त्रिका के साथ गुब्बारे फुलाने की इक्सरसाइज करें।

 

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