प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तबादले के एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि तबादला सेवा जरूरतों के अनुसार किये जाते हैं। लेकिन 2014 में हुए तबादले को 2021 में लागू करना प्रथमदृष्टया अवैध है। सरकार चाहे तो नए सिरे से तबादला आदेश जारी कर सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने संजीव कुमार की याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने डीआईजी शामली रेन्ज के 23 जून 2014 व पुलिस अधीक्षक शामली के 25 मार्च 21 के आदेश को निलंबित कर दिया है और कहा है कि याची को कार्यमुक्त न किया जाय। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है।
किसी को कार्यभार ग्रहण करने के लिए विवश न किया जाए
इसके साथ ही साथ कहा है कि याची को शामली से कार्यमुक्त कर सहारनपुर में कार्यभार ग्रहण करने के लिए विवश न किया जाय और नियमित वेतन भुगतान किया जाय। कोर्ट ने कहा है कि तबादला नीति के तहत नए सिरे से तबादला करने के अंतरिम आदेश बाधक नहीं होगा। सरकार चाहे तो तबादला करने के लिए स्वतंत्र है। याचिका की सुनवाई 14 जून को होगी।
याचिका पर अधिवक्ता इर्फान अहमद मलिक ने बहस की। इनका कहना है कि सात साल पहले हुए तबादले को लागू किया जा रहा है। एसपी शामली ने याची को कार्यमुक्त कर सहारनपुर में कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया है जो तबादला नीति के खिलाफ है। पहले याची ने उच्चधिकारियों से गुहार लगाई जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट की शरण ली।
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