देश भर में कोरोना के बाद म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इसके सबसे ज्यादा मामले गुजरात में ही हैं। बढ़ते मामलों के कारण फंगस के इलाज में लगने वाले इंजेक्शन की भारी कमी और महंगी दवाओं को लेकर मरीजों में दहशत है।
फंगस को लेकर गुजरात के सीनियर डॉ. सुभाष अग्रवात से बात की। पढ़ें, बातचीत के मुख्य अंश…
सवाल: म्यूकर माइकोसिस होने का मुख्य कारण क्या है? जवाब: म्यूकर माइकोसिस एक फंगल इंफेक्शन है। इस रोग में मुंह के अंदर फंगस बनने लगता है और ये उस हिस्से को सड़ाने लगता है। अगर ओरल हाईजीन यानी मुंह की स्वच्छता न रखी जाए तो इस रोग के बढ़ने की आशंका बहुत बढ़ जाती है। क्योंकि ओरल कैविटी होने से यह समस्या एक्टिव होने लगती है।
अगर समय रहते कैविटी साफ नहीं की जाए तो यह पूरे मुंह में फैल जाता है। इसके बाद नाक को ब्लॉक कर देता है और इसका सीधा असर दिमाग पर होने लगता है। यदि नियमित रूप से मुंह की अच्छे से साफ-सफाई की जाती रहे तो फंगस इंफेक्शन होने की आशंका नहीं रहती।
सवाल: म्यूकर माइकोसिस होने पर किस तरह का इलाज करना चाहिए?
जवाब: अगर यह बीमारी फर्स्ट स्टेज में है तो इससे घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे मरीजों को सिर्फ एंटी फंगल दवाएं देकर ही ठीक किया जा सकता है। इसके लिए मरीज को कोई महंगा इंजेक्शन या अन्य महंगी टैबलेट लेने की जरूरत ही नहीं पड़ती। बस जरूरत है कि संक्रमण को फर्स्ट स्टेज में ही यानी कि मुंह या नाक में ठीक कर लिया जाए। हां, इंफेक्शन के दिमाग तक पहुंचने की स्थिति गंभीर होती है। इसके लिए फिर सर्जरी करनी पड़ती है।
सवाल: कोरोनरी और डायबिटिक रोगियों के संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है?
जवाब : अभी जिस तरह से मामले सामने आ रहे हैं, उनमें ज्यादातर मरीज तो ऐसे ही हैं। दरअसल इसका बड़ा कारण यह सामने आया है कि कोरोना के इलाज के दौरान मरीज को कई दिनों तक ऑक्सीजन पर रखा जाता है और उसे ओरल ट्रीटमेंट ही दिया जाता है। इसके चलते मरीज के मुंह की सफाई नहीं हो पाती। वह जो भी खाता है, उसके कण दांतों के बीच फंसे रहकर सड़ जाते हैं। इससे वहां फंगस बन जाता है।
अगर डॉक्टर इस दौरान एंटी-फंगल दवा देते रहते हैं तो खतरा कम हो जाता है। वहीं, डायबिटिक मरीजों की बात की जाए तो उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। कोरोना होने के चलते वे जल्दी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
सवाल: MRI और CT स्कैन के बारे में आपकी राय?
जवाब: कोरोना महामारी के चलते वर्तमान हालात में लोग डरे हुए हैं। इसके चलते कई लोग तो जरा सी शंका होने पर ही खुद ही यानी डॉक्टर की सलाह लिए बिना ही अपना टेस्ट करवा रहे हैं। म्यूकर माइकोसिस के डर के चलते सामान्य दांत दर्द में भी लोग CT स्कैन करवा रहे हैं, जो मेरी नजर में गलत है। क्योंकि एक डेंटिस्ट को अच्छी तरह से पता होता है कि MRI या CT स्कैन कब कराना है। इसलिए पहले आप डॉक्टर से ही जांच करवाएं।
सवाल: कोरोना मरीज और सामान्य मरीजों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
जवाब: अगर मरीज का अस्पताल में इलाज चल रहा है और वह ऑक्सीजन या बायोपैप पर है तो उसे एंटी-कैविटी दवा दी जाए और उसके मुंह की साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जाए। अगर मरीज वेंटिलेटर पर है तो उसे एंटी फंगस दवाओं की जरूरत नहीं है। वहीं, सामान्य व्यक्ति भी दिन में दो बार ब्रश करे और माउथवॉश से मुंह साफ रखें। मुंह से बदबू आने पर भी डेंटिस्ट से परामर्श लें।
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