मेरठ। रामपुर के बावनखेड़ी हत्याकांड की आरोपी शबनम की याचिका राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने खारिज कर दी है। यह याचिका में एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने 21 फरवरी को दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि एक महिला को पुरूष जल्लाद कैसे फांसी दे सकता है। इसके लिए तो किसी महिला जल्लाद को ही फांसी के तैयार किया जाए।
वहीं इस आरटीआई एक्टिविस्ट ने यह भी मांग की थी कि हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाई जाए। इस याचिका को 20 मई को दर्ज किया गया और इस पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सीबीआई से जांच की मांग को खारिज कर दिया। वहीं शबनम को पुरूष जल्लाद द्वारा फांसी दिए जाने की याचिका को आयोग ने यह कहकर खारिज कर दिया कि यह उसके अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है।
कानूनविदों का कहना है कि अब शबनम के पास कोई और मौका नहीं बचा है। वह जल्द ही फांसी के फंदे तक पहुंच जाएगी। वहीं शबनम को फांसी पर फंदे पर लटकाने के लिए मेरठ निवासी पवन जल्लाद को फिर से बुलावे का इंतजार है। पवन जल्लाद का कहना है कि उसको पहले भी बुलावा आया था। जिसके बाद वह जेल का दौरा कर चुका है।
पवन ने बताया कि शबनम को फांसी पर चढाने के बाद उसके खानदान में वह पहला जल्लाद होगा जो कि किसी महिला को पहली बार फांसी देगा। पवन ने कहा कि वह शबनम को फांसी पर लटकाने को पूरी तरह से तैयार है। तैयारी तो वह पहले भी कर चुका था लेकिन बीच में कुछ कानूनी अड़चनों के कारण फांसी की तिथि तय नहीं हो पाई थी और फांसी को रोक देना पड़ा था।
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