नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी ने भारत के सामने पेशकश रखी है। उसने कहा है कि भारतीय अधिकारी डोमिनिका आएं और अपनी जांच से जुड़े कोई भी सवाल पूछें। चौकसी ने दावा किया है कि उसने भारत सिर्फ इलाज के लिए छोड़ा था। वह कानून का पालन करने वाला नागरिक है। चौकसी ने ये बातें डोमिनिका हाईकोर्ट में भेजे अपने हलफनामे में कही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, चौकसी ने हलफनामे में कहा कि भारतीय अधिकारी मेरे खिलाफ किसी भी जांच के सिलसिले में सवाल कर सकते हैं। मैं उन्हें यहां आने और सवाल पूछने का ऑफर देता हूं। मैंने भारत में किसी एजेंसी से बचने की कोशिश नहीं की है। जब मैं अमेरिका में इलाज कराने के लिए भारत छोड़ रहा था, तब मेरे खिलाफ किसी भी एजेंसी द्वारा कोई भी वारंट नहीं जारी किया गया था।
चौकसी ने हलफनामे में दीं ये दलीलें
1. डोमिनिका में कोर्ट की कार्यवाही से बचने का भी मेरा कोई इरादा नहीं है। रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने की वजह से मेरे भागने की कोई आशंका नहीं है। रेड कॉर्नर नोटिस कोई इंटरनेशनल वारंट नहीं होता है, वह बस एक अपील होती है, जो सरेंडर के लिए होता है।
2. इंटरपोल भारत की तरफ से अपील कर रही है कि मुझे ढूंढा जाए और भारत में मुझे प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। ये प्रक्रिया शुरू हो गई है। मैं डोमिनिका छोड़ने का इरादा नहीं रखता हूं।
3. हां, मैं कोर्ट की इजाजत से एंटीगुआ जाना चाहता हूं। एंटीगुआ और बारबूडा में मेरे खिलाफ दो केस पेंडिंग हैं। ये केस मैंने ही फाइल किए हैं। ये इस बात को लेकर हैं कि मुझे भारत प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए या नहीं। मैं एंटीगुआ कोर्ट की हर पेशी में मौजूद रहा हूं। मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं। मेरे ऊपर पहले कोई आरोप नहीं रहा है।
4. मुझे डर है कि अगर मैं पुलिस कस्टडी में रहा तो मेरी सेहत और ज्यादा गिर जाएगी। मैं 62 साल का हूं और मुझे स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याएं हैं। मैं डायबिटिक हूं, दिमाग में क्लॉट है, दिल की समस्या और दूसरी परेशानियां भी हैं। मुझे बेल दी जाए।
5. अगर कोर्ट कहती है तो मैं बेल की अच्छीखासी कैश रकम दे सकता हूं। मैं अपने खिलाफ डोमिनिका में गलत तरीके से एंट्री का मामला खत्म होने तक यहीं रहूंगा, भागूंगा नहीं। मैं यहां रहने का खर्च भी उठाऊंगा। मैं अपनी सुरक्षा का खर्च भी उठा सकता हूं, मुझे डोमिनिका से किसी तरह की सुरक्षा नहीं चाहिए।
डोमिनिका पहुंचने से पहले एंटीगुआ में रह रहा था चौकसी
मेहुल चौकसी एंटीगुआ की नागरिकता लेकर 2018 से वहीं रह रहा था, लेकिन 23 मई को अचानक वहां से लापता हो गया। इसके 2 दिन बाद वह डोमिनिका में पकड़ा गया था। इस पूरे मामले के बीच एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन की एक चिट्ठी भी सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि मेहुल ने नागरिकता से संबंधित जानकारी छिपाई थी।
14 अक्टूबर 2019 को लिखे खत में ब्राउन ने कहा था, ‘मैं एंटीगुआ और बारबूडा नागरिकता अधिनियम, कैप 22 की धारा 8 के मुताबिक एक आदेश देने का प्रस्ताव करता हूं ताकि आपको तथ्यों को जानबूझकर छिपाने के आधार पर एंटीगुआ और बारबूडा की नागरिकता से वंचित किया जा सके।’
हिरासत को हाईकोर्ट में किया चैलेंज
चौकसी पर गैरकानूनी तरीके से डोमिनिका में एंट्री करने का आरोप है, लेकिन उसने अपनी हिरासत को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है। चौकसी का दावा है कि उसे एंटीगुआ-बारबूडा से अपहरण कर डोमिनिका लाया गया था। हालांकि सरकारी वकील ने चौकसी के दावे का विरोध करते हुए कहा कि वह गैरकानूनी तरीके से डोमिनिका में एंटर हुआ है और इसी के चलते उसे हिरासत में लिया गया था।
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