महान स्वतंत्रता सेनानी मौलवी अहमदुल्लाह शाह फैजाबादी के नाम पर होगा धन्नीपुर मस्जिद प्रोजेक्ट

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अयोध्या में मिली पांच एकड़ भूमि पर प्रस्तावित धन्नीपुर मस्जिद प्रोजेक्ट के नामकरण पर फैसला हो गया है। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के मुताबिक, मस्जिद और अस्‍पातल परिसर का नाम स्‍वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी मौलवी अहमदुल्लाह शाह फैजाबादी के नाम पर रखने का फैसला किया गया है। ट्रस्ट को इस बारे में अलग-अलग प्लेटफार्मों से सुझाव मिले थे, जिसके बाद आधिकारिक तौर पर विचार-विमर्श कर निर्णय लिया गया।

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के मुताबिक, मौलवी अहमदुल्लाह शाह फैजाबादी ने 1857 की क्रांति के बाद अवध को ब्रिटिश हुकूमत से मुक्‍त करोने के लिए दो साल से अधिक समय तक स्‍वतंत्रता आंदोलन चलाया था। यही कारण है कि ट्रस्ट ने धन्‍नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद, अस्पताल, संग्रहालय, अनुसंधान केंद्र और सामुदायिक रसोई सहित सभी योजनाओं को उन्‍हीं के नाम से शुरू करने का फैसला किया है।

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि मौलवी अहमदुल्लाह शाह फैजाबादी के शहीदी दिवस पर हमने उनके नाम पर ही सभी परियोजनाओं की शुरुआत करने का फैसला लिया है। आजादी की पहली लड़ाई के इतने वर्षों बाद भी मौलवी अहमदुल्लाह शाह फैजाबादी को भारतीय इतिहास में अभी तक वो हक नहीं मिला है, जिसके वह हकदार थे। मस्जिद सराय, फैजाबाद, जो 1857 के विद्रोह के दौरान मौलवी का मुख्यालय थी, वहां एकमात्र जीवित इमारत है जो उनके नाम को संरक्षित करती है।

मौलवी हिंदू-मुस्लिम भाईचारा के आइकान : मस्जिद और उससे जुड़े प्रोजेक्ट के नाम को लेकर शुरू से ही उधेड़बुन थी। यह पहले ही तय हो गया था कि यह मस्जिद मुगल शासक बाबर के नाम से नहीं बनेगी। काफी सोच-विचार के बाद मस्जिद निर्माण प्रोजेक्ट के लिए गठित इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट को मौलवी अहमदुल्लाह शाह फैजाबादी का नाम दिया।

फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन के अनुसार मौलवी हिंदू-मुस्लिम भाईचारा के आइकान हैं और उनके नाम की मस्जिद, अस्पताल, कम्युनिटी किचन भाईचारा की भावना को और मजबूत करेगी। फाउंडेशन के एक अन्य सदस्य कैप्टन अफजाल खान कहते हैं कि मौलवी सदियों से हमें प्रेरित करते आए हैं और इस प्रोजेक्ट में नाम जुड़ने के साथ वे कहीं अधिक प्रासंगिक होकर भावी पीढ़ियों तक को प्रेरित करते रहेंगे।

मौलवी ने फैजाबाद को कराया था स्वतंत्र : मौलवी अहमदुल्लाह शाह फैजाबादी की गणना महान क्रांतिकारियों में होती है। उन्हें 1857 की क्रांति के समीक्षक लाइट हाउस आफ इंडिपेंडेंस की उपाधि से नवाजते हैं। उन्होंने क्रांति के दौरान कुछ समय के लिए तत्कालीन फैजाबाद को अंग्रेजों से स्वतंत्र कराने की कामयाबी भी हासिल की थी। अंग्रेज उनके नाम से थर्राते थे। हालांकि, 1857 की क्रांति के दौरान ही अंग्रेजों ने धोखे से उनकी हत्या करा दी थी।

कम्युनिटी किचन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल भी बनेगा : इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि हम धन्नीपुर मस्जिद प्रोजेक्ट को मानवता को समर्पित कर रहे हैं। यहां बनने वाले 200 बेड के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का सबसे अधिक लाभ स्थानीय लोगों को होगा। उन्हें अपने गांव के पास ही बेहद सस्ता और अच्छा इलाज मिल जाएगा। यहां प्रस्तावित कम्युनिटी किचन से हर दिन आस-पास की करीब दो हजार गरीब महिलाओं व बच्चों को मुफ्त खाना वितरित किया जाएगा। हम अच्छी नीयत से समाज के लिए यह प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं अल्लाह ही इसे पूरा करने में हमारी मदद करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने दी थी मस्जिद बनाने के लिए जमीन : बता दें कि नौ नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए विवादित भूमि को रामलला का जन्मस्थान मानते हुए उस पूरी भूमि को रामलला ट्रस्ट को सौंप दिया था। इसके साथ ही मामले में दूसरे पक्ष को राम जन्मभूमि से करीब 25 किलोमीटर दूर रौनाही के धन्नीपुर में मस्जिद बनाने के लिए भी पांच एकड़ जमीन दी गई थी, जिस पर अब मस्जिद का निर्माण शुरू होगा।

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