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राजस्थान के सियासी विवाद की दिल्ली तक गूंज, रणनीति बनाने में जुटे सचिन पायलट

नई दिल्ली। पंजाब में उठे असंतोष पर तत्काल एक्शन लेने के बाद कांग्रेस हाईकमान पर अब राजस्थान में भी उसी तर्ज पर सचिन पायलट गुट की नाराजगी दूर करने का दबाव बनाया जा रहा है। राजस्थान के हालात को लेकर जयपुर से दिल्ली तक सियासी हलचल तेज हो गई है। कल शाम सचिन पायलट दिल्ली पहुंच चुके हैं। पायलट दिल्ली में आगे की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। आज-कल में सचिन पायलट कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।

उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खेमा भी लगातार पायलट ग्रुप पर निगाह रखे हुए हैं। दिल्ली एक बार फिर राजस्थान के सियासी विवाद का केंद्र बन गया है।

सचिन पायलट से कांग्रेस प्रभारी अजय माकन भी संपर्क में हैं। सचिन पायलट अब अपने 10 महीने पुराने मुद्दों पर तत्काल एक्शन की मांग कर रहे हैं, जिनमें उनके समर्थक विधायकों को मंत्री बनाने और राजनीतिक नियुक्तियों में भागीदारी के अलावा सरकार में काम करने में भी प्राथमिकता सहित कई मुद्दे शामिल हैं।

पायलट गुट की शिकायत है कि गहलोत राज में उनके साथ विपक्षी जैसा बर्ताव हो रहा है। सचिन पायलट खेमे की ताजा नाराजगी के बीच एक बार फिर दिल्ली में चर्चाएं तेज हैं। सचिन पायलट अपने शुभचिंतक कांग्रेस नेताओं से भी समर्थन जुटाकर अपने मुद्दों का हल करने की कवायद में जुट गए हैं।

पायलट के पीछे कांगेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी दिल्ली पहुंचे
सचिन पायलट के कल दिल्ली जाने के बाद आज सुबह कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी दिल्ली पहुंच गए हैं। डोटासरा का कहना है कि वे कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और राजस्थान के सहप्रभारी रह चुके काजी निजामुद्दीन की मां के निधन पर संवेदना जताने आए हैं। बताया जाता है कि डोटासरा प्रभारी अजय माकन से पूरे मसले पर चर्चा करेंगे।

पायलट खेमे के विधायकों को पक्ष में करने की कवायद में जुटे गहलोत
कांग्रेस में मौजूदा हालत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमों के बीच शह और मात का खेल शुरू हो चुका है। गहलोत ने सचिन पायलट समर्थक माने जाने वाले कुछ विधायकों के काम करके उनसे तारीफ भी हासिल की है। गहलोत अब पायलट समर्थक​ विधायकों के काम करके उनको अपने पक्ष में करने की कवायद में जुटे हुए हैं। गहलोत की रणनीति पायलट समर्थक विधायकों के काम करके भेदभाव के आरोपों के जवाब देने की है, ताकि हाईकमान और पब्लिक पर्सेप्शन को बदला जा सके।

पंजाब में विरोधी गुट की मांग पर तत्काल एक्शन को पायलट गुट ने मुद्दा बनाया
सचिन पायलट गुट की पिछले साल जुलाई में बगावत के बाद 11 अगस्त को बनाई गई सुलह कमेटी का फिलहाल कोई नतीजा नहीं निकला। पायलट गुट के विधायकों ने इसी को मुद्दा बनाया हुआ है। पायलट गुट के विधायक सवाल उठा रहे हैं कि जब पंजाब में 10 दिन में विरोधी धड़े को सुना जा सकता है, तो राजस्थान में 10 महीने बाद भी क्यों नहीं सुना जा रहा?

माकन का तर्क पंजाब की कमेटी की रिपोर्ट अभी इंप्लीमेंट नहीं
माकन पंजाब की कमेटी की रिपोर्ट लागू होने पर कल सवाल उठा चुके हैं। मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘क्या पंजाब की कमेटी की रिपोर्ट इंप्लीमेंट हो गई? माकन के इस तर्क को राजस्थान की कमेटी की ढिलाई को बचाने की कवायद बताया जा रहा है, दूसरी तरफ संकेत ये भी कि पंजाब की कमेटी का हश्र भी राजस्थान जैसा हो सकता है।

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