टीवी के मशहूर धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की बबीता यानी मुनमुन दत्ता को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। मुनमुन दत्ता के खिलाफ चार राज्यों में दर्ज मामलों में कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिए मुनमुन दत्ता द्वारा कथित तौर पर की गई जातिवादी टिप्पणी के बाद देश के कई राज्यों में दर्ज मुकदमों को एक जगह ट्रांसफर करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।
जस्टिस हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन पीठ ने मुनमुन दत्ता के खिलाफ महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में दर्ज मुकदमों की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। हालांकि हरियाणा में दर्ज मुकदमे पर कार्यवाही जारी रहेगी।
बता दें कि मुनमुन दत्ता की ओर से पेश वकील ने पीठ से कहा कि उनकी मुवक्किल पश्चिम बंगाल से है और उसने जो ‘भंगी’ शब्द का कथित तौर पर इस्तेमाल किया था, वह बांगला भाषा में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि वह शब्द ‘जातिवादी’ है।
वकील ने कोर्ट को बताया कि मुनमुन दत्ता से अनजाने में यह गलयी हो गई थी और गलती का एहसास होने के चंद घंटों के बाद ही उन्होंने सोशल मीडिया से वह पोस्ट वापस ले लिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस शब्द का इस्तेमाल किया गया था, उसके बारे में सभी को मालूम है कि वह ‘जातिसूचक’ है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग दर्ज मुकदमों को एक जगह ट्रांसफर करने की मांग पर नोटिस जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में दर्ज मुकदमों की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। मुनमुन दत्ता के खिलाफ एससी-एसटी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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