Categories: दुनिया

चीन की चालबाजियों का फिर पर्दाफाश, साइबर जासूसों के निशाने पर भारत

नई दिल्ली। चीन की चालबाजियों का एक बार फिर से पर्दाफाश हुआ है। चीनी साइबर सैनिकों की एक संदिग्ध इकाई ने भारतीय दूरसंचार कंपनियों, सरकारी एजेंसियों और कई रक्षा कॉन्ट्रैक्टर्स को निशाना बनाया है। एक साइबर थ्रेट्स इंटेलिजेंस कंपनी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। कंपनी ने खुलासा करते हुए कहा कि चीन की इन चालाकी वाले जासूसी ऑपरेशन्स के सबूत हैं और इन अभियानों से एक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक विशिष्ट इकाई से जुड़ा था।

यूनाइटेड स्टेट्स के मुख्यालय के तहत आने वाले रिकॉर्डेड फ्यूचर की ओर से ये निष्कर्ष प्रकाशित की गई थी, जिसने इस साल की शुरुआत में बिजली और बंदरगाह क्षेत्रों में भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को टारगेट करने वाले निरंतर चीनी साइबर संचालन के साक्ष्य की सूचना दी थी। मार्च में उजागर हुई इस यूनिट को रेडइको कहा गया, जबकि नए समूह की पहचान रेडफॉक्सट्रोट के रूप में की गई है।

रिकॉर्डेड फ्यूचर के इंसिक्ट ग्रुप ने संदिग्ध चीनी सरकार द्वारा प्रायोजित समूह की पहचान की, जिसे रेडफॉक्सट्रोट (RedFoxtrot) के रूप में ट्रैक किया जा रहा है। इसने 2020 और 2021 के दौरान कई भारतीय संगठनों को टारगेट किया है। रिकॉर्डेड फ्यूचर के इंसिक्ट ग्रुप के एक शख्स ने कहा कि भारत के भीतर विशेष रूप से हमने पिछले 6 महीनों में दो दूरसंचार संगठनों, तीन रक्षा कॉन्टैक्टर्स और कई अतिरिक्त सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के संगठनों को सफलतापूर्वक टारगेट करने वाले समूह की पहचान की है।

फिलहाल, भारत के साइबर सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक अधिकारी ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया। इंसिक्ट के एक प्रतिनिधी ने बताया कि यहां ध्यान देने वाली बात है कि खास तौर पर यह गतिविधि भारत और चीन के बीच बढ़े तनाव के समय हुई थी। एक अलग ब्लॉग पोस्ट में  रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा कि ये निष्कर्ष नेटवर्क ट्रैफ़िक के विश्लेषण, हमलावरों द्वारा उपयोग किए गए मैलवेयर के फूटप्रिंट, डोमेन पंजीकरण रिकॉर्ड और संभावित लक्ष्यों से डेटा ट्रांसमिसिंग करने पर आधारित थे। बताया जा रहा है इन चीनी हमलों में एनटीपीसी के प्लांट्स भी शामिल रहे हैं।

दरअसल, स्टेट ऑन स्टेट साइबरर ऑपरेशन्स सामान्य तौर पर दो श्रेणियों में आते हैं। एक होता है तोड़फोड़ और दूसरा जासूसी। हालांकि बाद में अधिक सामान्य से हो जाते हैं, मगर दोनों का पता लगाना समान रूप से कठिन है। इसी साल मार्च महीने में इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (Cert-IN) ने कहा था कि उसे चीन से जुड़े साइबर एक्टर्स की ओर से भारतीय परिवहन क्षेत्र के खिलाफ जासूसी अभियान चलाने के संकेत मिले हैं।

admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

गिल, सुदर्शन की धमक से गुजरात की कोलकाता में ‘शुभ’ जीत

नई दिल्ली। कप्तान शुभमन गिल और साई सुदर्शन की शानदार पारियों के बाद गेंदबाजों के दम…

6 hours ago

पोप फ्रांसिस के सम्मान में भारत में तीन दिन का राजकीय शोक

नई दिल्ली। रोमन कैथोलिक चर्च के प्रथम लैटिन अमेरिकी पोप फ्रांसिस का लंबी बीमारी के बाद…

6 hours ago

अखिलेश यादव के बयान पर DGP प्रशांत कुमार ने दिया जवाब

लखनऊ – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा…

6 hours ago

हिन्दी विरोध की संकीर्ण राजनीति के दंश

-ललित गर्ग-हिंदी को लेकर तमिलनाडु की राजनीति का आक्रामक होना कोई नयी बात नहीं है…

6 hours ago

जगदीश टाइटलर के खिलाफ कोर्ट में अहम गवाही

नई दिल्ली। साल 1984 के सिख विरोधी दंगों में तीन सिखों की हत्या के आरोपी जगदीश…

6 hours ago

पीएम मोदी और अमेरिकी उपराष्ट्रपति की मुलाकात

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस, उनकी पत्नी और…

6 hours ago