लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में गेहूं खरीद पर सवाल उठाये जाने पर आपत्ति जताई है। शाही ने कहा कि प्रियंका गांधी जैसे नेता पर इस तरह के ‘तथ्यहीन’ और ‘झूठ’ बयान शोभा नहीं देते हैं। प्रदेश के कृषि मंत्री ने कहा कि एक जिम्मेदार नेता होने के नाते प्रियंका को ऐसा पत्र लिखने से पहले तथ्यों की जांच कर लेनी चाहिए थी और गेहूं खरीद के लिए सरकार के प्रयासों को देख समझ लेना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता से योगी सरकार की तारीफ की अपेक्षा तो नहीं की जा सकती है लेकिन कम से कम वह सरकार के इंतेज़ाम का उल्लेख कर सकती थीं शाही ने कहा कि सदैव किसानों के हित में लगी योगी सरकार ने कार्यभार संभालते ही प्रदेश के 86 लाख से अधिक सीमांत किसानों को बड़ी राहत देने का काम किया था। सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों का 36 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर उनको राहत दी थी।
सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कोरोना काल की विषम परिस्थितियों के बावजूद भी इस वर्ष गेहूं खरीद में रिकॉर्ड बना है। वर्तमान रबी सीजन में अब तक 12.84 लाख से ज्यादा किसानों से लगभग 56 लाख मीट्रिक टन से अधिक की गेहूं खरीद हो चुकी है, जबकि 90 फीसदी किसानों को भुगतान भी हो चुका है। शेष भुगतान यथाशीघ्र करा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार अब तक के कार्यकाल में गेहूं खरीद के 200 लाख मीट्रिक के लक्ष्य से अधिक 220 मीट्रिक टन गेहूं खरीद कर चुकी है, जो लक्ष्य का 110 प्रतिशत है।किसानों को अब तक सरकार 36500 करोड़ से अधिक का भुगतान कर चुकी है। इससे 45 लाख से भी अधिक किसानों को लाभ मिला है।
इसकी तुलना में अगर पिछली सरकार पर नजर डालें तो पता चलेगा कि 2012 से 2017 के बीच 222 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य था लेकिन किसानों से 94.38 लाख मीट्रिक टन ही गेहूं खरीद की गई थी जो लक्ष्य का मात्र 42 प्रतिशत था। इस दौरान किसानों को कुल 12808.67 करोड़ रुपए का ही भुगतान हो सका था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को यह भी पता होना चाहिए कि इस बार रबी खरीद के सीजन में निर्धारित 15 जून तक की समय सीमा बढ़ा कर 22 जून कर दी गयी है जिससे किसान अधिक से अधिक अपना उत्पाद बेच सकें। इस वर्ष खरीद केंद्रों की संख्या भी पिछले वर्ष लगभग 5000 से बढ़ा कर 6000 की गयी. खरीद में पूरी पारदर्शिता बरतने के लिए इस बार इ-पॉप मशीनों का प्रयोग किया गया और 72 घंटों के अंदर किसानों को उनका भुगतान उनके बैंक खातों में पहुंचाना सुनिश्चित किया गया।
जनता को कर रहीं गुमराह :
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता को इस तरह गुमराह करना प्रियंका गांधी वाड्रा पर शोभा नहीं देता है। उनको पता होना चाहिए इस बार यह भी सुनिश्चित किया गया कि किसी भी किसान को अपना गेहूं बेचने के लिए दस किलोमीटर से अधिक न जाना पड़े और साथ ही साथ बरसात के मद्दे नज़र समस्त एहतियाती कदम उठाये गए। कोविड के प्रोटोकॉल के पालन पर भी पूरा ध्यान रखा गया और सभी गेहूं खरीद केंद्रों पर इसके लिए पूरे प्रबंध किये गए थे।
उन्होंने कहा कि ऐसे नेता जमीनी हकीकत से मुँह मोड़ लेते हैं जिसकी वजह से उनकी पार्टी अपना जनाधिकार खो देते हैं जैसा कांग्रेस के साथ हुआ। यही नहीं योगी सरकार ने साढ़े चार सालों में गन्ना किसानों को रिकार्ड 1 लाख 37 हजार करोड़ रूपए का भुगतान किया है जबकि पिछली सरकार में 95 हजार करोड़ रुपए का भुगतान ही किया गया था।
प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। किसानी को तकनीक से जोड़ा जा रहा है। इससे किसानों की आय में इजाफा होगा। प्रदेश में किसान विज्ञान केन्द्र खोले जा रहे हैं।
उन्होंने कहा यह शर्म की बात है कि विपक्ष सत्ता के लोभ में प्रदेश की जनता को इस ढंग से गुमराह कर रहे हैं। प्रियंका जैसे नेताओं को पता होना चाहिए कि ड्राइंग रूम में बैठ कर राजनीति नही होती है बल्कि जनता के बीच जा कर ज़मीन पर काम करने से ही जनता का दिल जीता जा सकता है।
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