भूख की वजह से बेटी को जिंदा दफनाने का मामला, हरदोई प्रशासन का झूठा दावा

हरदोई। जिले में एक मां द्वारा खाना नहीं दे पाने के कारण अपनी दो साल की बच्ची को दफनाने के मामले में प्रशासन अब झूठा दावा कर रहा है। प्रशासन का दावा है कि महिला मानसिक रूम से बीमार है और जिसकी वजह से उसने ऐसा कदम उठाया है। लेकिन बच्ची की तस्वीरें ये साफ बयां कर रही हैं कि न तो उसे भरपेट भोजन मिला और न ही पोषण।

प्रशासन का दावा- मानसिक बीमार है महिला
जिला प्रोबेशन अधिकारी सुशील कुमार सिंह ने दावा किया कि महिला के पति की मौत के बाद महिला मानसिक रूप से बीमार थी। इसलिए उसने ये कदम उठाया। अफ़सर ने बताया कि बच्चों को आगनबाड़ी केंद्र से सूखा राशन यानी पोषक तत्व भी दिए जा रहे हैं। लेकिन सवाल ये है कि पोषक तत्व खाकर भी बच्ची कैसे कुपोषित हो गयी और एक मां बच्ची को दफनाने पर कैसे मजबूर हो गयी।

मामले को निराधार बताने में जुटा प्रशासन
लोनार के सकरौली ग्राम में मां ने बच्ची को जिंदा दफनाने के मामले में अब प्रशासन तेज़ी से कार्रवाई करने के मूड में आ गया है। कुछ ही घण्टों में एक नहीं बल्कि 3-3 विभागों की आख्या प्रस्तुत कर दी गयी। ये वही प्रशासन है जो बच्ची के कपोषित होने और उसके दफनाये जाने के इंतज़ार में था, क्योंकि उससे पहले ऐसी तेजी दिखती तो एक मां को ऐसा कदम नहीं उठाना पड़ता।

महिला की हर संभव मदद करेगा प्रशासन
जिला प्रोबेशन अधिकारी सुशील कुमार सिंह ने बताया है कि लोनार थानान्तर्गत सकरौली ग्राम में एक महिला ने अपने बच्चे को ज़िंदा दफन करने का प्रयास किया। चाइल्ड लाइन को सूचना मिली कि ग्राम सकरौली में एक महिला द्वारा अपनी ज़िंदा बच्ची को दफनाने का प्रयास किया गया है।

इस सम्बन्ध में टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर बच्ची को रेस्क्यू कर एनआरसी में भर्ती करा दिया गया। माता तथा बच्ची पहले से ही स्वस्थ्य हैं। शीघ्र ही वन स्टॉप सेन्टर में काउंसलर द्वारा महिला की काउसिंलिंग करा दी जायेगी तथा प्रशासन की ओर से हर संभव सहायता की जायेगी।

डीएम ने कहा दोषियों पर कार्रवाई होगी
जिलाधिकारी अविनाश कुमार से इस सम्बंध में वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि सीडीपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राशन कार्ड में महिला का एक यूनिट दर्ज था, वो ख़ुद भी इस मामले पर नज़र बनाये हुए हैं और जमीनी हकीकत को वो खुद से भी जांच कर रहे हैं। अगर कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कई दिनों से नहीं मिल रहा था खाना
दरअसल हरदोई के लोनार थाना सकरौली गांव में भगवानदीन की 2 वर्ष पहले मौत हो गई थी। भगवान दीन अपने पीछे तीन बच्चे और पत्नी को छोड़ गया था। भगवानदीन की मौत के बाद उसकी पत्नी एक बेटा और दो बेटियां गांव में मांगकर और कुछ छोटा मोटा काम करके गुजारा करने लगी।

खाने पीने की व्यवस्था न देखकर भगवान दीन की बहन उसके बेटे को लेकर अपने साथ ले गई। यहां भगवान दीन की पत्नी और सात साल की बेटी नंदिनी और 2 साल की बेटी मधु रह गईं। जैसे, तैसे इन तीनों का गुजारा चल रहा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनके खाने का कोई इंतजाम नहीं हो पा रहा था। महिला ने ग्रामीणों को भी अपनी समस्या नहीं बताई थी।

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