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25 हजार में तैयार कर एक लाख रुपये में बेचते थे पिस्टल

मेरठ। नोएडा से मेरठ पिस्टल की फैक्ट्री सेटअप करने आ रहे तीन सगे भाइयों को क्राइम ब्रांच की टीम ने धर दबोचा। इनके पास से पिस्टल फैक्ट्री लगाने का सामान और बने हुए पिस्टल बरामद हुए हैं। पकड़े गए तीनों भाई पिछले 10 साल से अवैध पिस्टल की तस्करी कर रहे थे। ये लोग आन डिमांड एके 47 भी उपलब्ध कराते थे। पुलिस तीनों भाइयों से पूछताछ कर रही है।

मेरठ में अवैध पिस्टल की फैक्ट्री लगाकर ये लोग एनसीआर के अलावा पंजाब और हरियाणा सप्लाई करने की तैयारी में थे। आरोपियों ने बताया कि अवैध पिस्टल वे ठेके पर मुंगेर में तैयार करवाते थे। मुंगेर से पिस्टलों की खेप ट्रेन से लाते थे। उसके बाद स्पेन की मशहूर लामा पिस्टल की तर्ज पर अवैध पिस्टल तैयार करते थे। अवैध पिस्टल को ऐसे रूप में तैयार करते थे, जिसे कोई पकड़ ही नहीं सकता था कि वह भारत में बनी अवैध पिस्टल है।

उस पर विदेशी स्टीकर भी लगाते थे।इधर लॉकडाउन में धंधा काफी मंदा हो गया तो खुद ही पिस्टल की अवैध फैक्ट्री लगाने का प्लान बना डाला। इसके लिए मुंगेर से ठेके पर पिस्टल बनाने वाले कारीगर को भी बुलाया। जो कि मेरठ में अन्य युवकों को पिस्टल बनाना सिखाता। लेकिन इससे पहले ही ये लोग पुलिस के हत्थे चढ़ गए। बदमाशों के कब्जे से 10 पिस्टल के अलावा कई अन्य सामान बरामद हुआ है। वहीं पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने क्राइम बांच की टीम को 35 हजार रुपये का इनाम दिया है।

क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि गाजियाबाद के कैला भट्टा निवासी तीन भाई ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए मेरठ जाने वाले है। सूचना पर क्राइम ब्रांच प्रभारी शावेज खान व बिसरख कोतवाली प्रभारी अनीता चौहान ने शाहबेरी में पीछा कर कार सवार तीन भाइयों को धर दबोचा। पूछताछ में पता चला कि तीनों हथियारों की तस्करी करते हैं और मेरठ में अवैध पिस्टल फैक्ट्री सेटअप करने जा रहे हैं।

तीनों की पहचान आफताब, शकील व सगीर के रूप में हुई है। तीनों के कब्जे से 10 पिस्टल के अलावा 80 कारतूस, 23 मैगजीन, हथौड़ी, एक सेल्टोस कार व पिस्टल बनाने में उपयोग आने वाले उपकरण बरामद हुए हैं। आरोपी अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पिस्टल तैयार करते थे। पिस्टल बनाने के लिए माल सलीम व हाशिम से खरीदते थे। तैयार पिस्टल आरोपित 25 हजार रुपये में रईस को देते थे।

रईस उसको आगे एक लाख रुपये में बेचता था। रईस व सलीम अभी फरार चल रहे हैं। वर्ष 2010 में दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाशिम बंद रहा था। उसी से संपर्क में आने के बाद आरोपित इस धंधे में लिप्त हो गए। पिछले 10 वर्षो से आरोपित हथियारों की तस्करी कर रहे हैं।

क्राइम ब्रांच के मुताबिक आफताब व सागीर सोने-चांदी के आभूषण की दुकान करते हैं। जबकि शकील समरसेबल का काम करता हैं। तीनों आरोपित इसकी आड़ में अवैध हथियारों का काम करते हैं।

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