डोगरुन। तालिबान लड़ाकों की माने तो उन्होंने ईरान के पास इस्लाम कला और तुर्कमेनिस्तान की सीमा पर तोरघुंडी शहरों पर कब्जा कर लिया है। आपको बता दें कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा लगातार बढ़ता जा रहा है। कई इलाकों में तालिबान के खौफ से अफगान सुरक्षा बल के जवान जान बचाकर भागना पड़ा।
11 जुलाई को एक ईरानी पुलिस प्रवक्ता के हवाला से बताया कि ईरान ने तालिबान के डर से भागकर आए अफगान बॉर्डर गार्ड्स और सीमा शुल्क कर्मचारियों को वापस भेज दिया है।
आईआरआईबी ने सेकेंड ब्रिगेडियर जनरल मेहदी हाजियन के हवाले से लिखा है, कि अफगान सरकार ने हमारे देश के संबंधित अधिकारियों से इस बारे में अनुरोध किया था। उनके आधिकारिक अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया और इन बॉर्डर गार्ड्स और सीमा शुल्क कर्मचारियों को हवाई मार्ग से वापस भेज दिया गया।
ईरान के सीमा शुल्क प्रशासन ने कहा कि तालिबानी चरमपंथियों ने 8 जुलाई को ईरान के साथ लगने वाली अफगान की तीन में से दो क्रॉसिंग – डोगरुन और महिरुद सीमा चैकियों को अपने कब्जे में कर लिया था।
ईरान के सशस्त्र सेना के जनरल स्टाफ के एक सूत्र ने 9 जुलाई को कहा था कि ईरान उन अफगान सैनिकों को उनके देश वापस भेज देगा जो तालिबानी चरमपंथियों के हमले मे चौकियों के नष्ट होने के बाद ईरान भाग आए थे।
हाजियन कहते हैं कि ईरान ने इस्लामी मूल्यों, एक अच्छे पड़ोसी संबंध होने के नाते और अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशनों के कारण ही अफगान सुरक्षा बलों को अपनी जमीन पर स्वीकार किया और उनके हथियार ले लेने के बाद आश्रय भी दिया।
तालिबान का कहना है कि उसके लड़ाकों ने देश के 85 फ़ीसदी हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है। इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करना मुश्किल है। सरकार ने इसका खंडन किया है।
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