नई दिल्ली। धरती के बाहर किसी और ग्रह पर जीवन की खोज के लिए कई सारे मानक देखे जाते हैं। सितारों का चक्कर काटने वाले किसी ग्रह पर जीवन तब मुमकिन हो सकता है जब इसकी अपने सितारे से दूरी गर्मी और रोशनी के लिहाज से सटीक हो, जहां वायुमंडल भी पर्याप्त मोटा हो, पानी मौजूद हो और ऑक्सीजन भी हो।
एक ताजा स्टडी में पाया गया है कि ऐसे ग्रह जो सितारे का चक्कर लगाते हुए एक ओर झुके हों, उन पर ज्यादा अडवांस्ड और कॉम्प्लेक्स जीवन की संभावना बढ़ जाती है।
स्टडी में पाया गया है कि किसी ग्रह के उसकी धुरी पर झुके होने से उस पर मौजूद महासागरों में ज्यादा ऑक्सीजन बनती है। दरअसल, इससे बायॉलजिकल तत्व बेहतर रीसाइकल होते हैं। धरती जितने कोण पर सूक्ष्मजीवियों के लिए बेहतर हालात पैदा होते हैं और बड़े जीवों में भी मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। इससे ऑक्सिजन पैदा करने वाले सिंपल जीवों के साथ-साथ ज्यादा कॉम्प्लेक्स और अडंवास्ड जीव पैदा होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
पूर्डू यूनिवर्सिटी की लीड रिसर्चर स्टेफनी ऑल्सन के मुताबिक रिसर्चर्स ने एक मॉडल तैयार किया जिसमें जीवन के लिए जरूरी कंडीशन्स रखी गईं। किसी कंडीशन में बदलाव होने से ऑक्सिजन की मात्रा और उसे पैदा करने वाले जीवों पर असर को समझा गया। इसमें पाया गया कि किसी ग्रह पर लंबे दिन, सतह पर ज्यादा दबाव और महाद्वीपों के बनने से ऑक्सिजन बढ़ती है
जीवन के आधार के लिए इन पर पानी होना सबसे जरूरी है और इनमें से कुछ ऐसे हैं जो जिस सितारे का चक्कर काट रहे हैं, उससे इतनी दूरी पर स्थित हैं कि उनकी सतह पर लिक्विड रूप में पानी मौजूद है।
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