UP में ओवैसी का मिशन: समाजवादियों के गढ़ संभल को क्यों AIMIM ने चुना?

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने विधानसभा चुनाव के लिए पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर से हाथ मिलाया है। वे भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा हैं। अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। लेकिन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। उनका मिशन-2022 का आगाज भी हो चुका है। एक सप्ताह में ही वह दूसरी बार गुरुवार को यूपी के दौरे पर पहुंचे।

इससे पहले 8 जुलाई को बहराइच में कार्यालय खोला था। यहां 34% मुस्लिम आबादी है। हर जगह वह मजार और चादरपोशी की सियासत कर रहे हैं। वे यूपी की 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं।

लेकिन सीटों का बंटवारा होने से पहले औवैसी जिला दर जिला दौरा कर रहे हैं। उनकी नजर सबसे पहले उन 7 सीटों पर है, जहां पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें 7 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। मुरादाबाद, संभल की चार विधानसभा सीटों के अलावा सिद्धार्थनगर, कुशीनगर और फिरोजाबाद की एक-एक सीट पर ओवैसी की पार्टी कैंडिडेट को 2017 चुनाव में 7000 से ज्यादा वोट मिले थे। संभल जिले की सदर सीट पर AIMIM 2017 के चुनाव में दूसरे नंबर पर थी।

ऐसे में संभल और मुरादाबाद में ओवैसी की सक्रियता के मायने क्या हैं? क्या उनकी नजर सिर्फ उन्हीं सीटों पर है जहां पिछले चुनाव में उनकी पार्टी को 5 हजार से अधिक वोट मिले? क्या उनकी राजनीति कुछ कमाल कर पाएगी या BJP को सिर्फ फायदा पहुंचाएंगे? यूपी में मुस्लिम बाहुल्य सीटों का गणित क्या है? ऐसे ही सवालों का जवाब तलाशती एक रिपोर्ट…।

समाजवादियों के गढ़ संभल को क्यों ओवैसी ने चुना?

55% मुस्लिम आबादी वाले संभल में चौधरी चरण सिंह के समय लोकदल का दबदबा रहा है तो उसके बाद से समाजवादी पार्टी का वर्चस्व रहा है। 1996 में बसपा से बाहुबली डीपी यादव ने चुनाव जीता तो 1999 में मुलायम सिंह यादव संभल लोकसभा सीट से सांसद बने। वह संभल की गुन्नौर से विधानसभा सीट से भी चुनाव जीत चुके हैं। वह जीत रिकॉर्ड मतों से थी। इसके बाद मुलायम के भाई प्रो. रामगोपाल यादव भी संभल से लोकसभा सांसद बनकर संसद पहुंचे थे।

संभल में सपा का झंडा उठाए शफीकुर्रहमान बर्क 5 बार के सांसद और पांच बार विधायक रह चुके हैं। 2017 में भाजपा की आंधी में भी संभल की 4 में से 2 विधानसभा सीट पर सपा का कब्जा है। 2017 विधान सभा चुनाव में 60 हजार से ज्यादा वोट मिलने के बाद ओवैसी अब सपा के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं।

संभल में कैसे नंबर 2 पर रही ओवैसी की पार्टी?

ओवैसी अपना कार्यालय संभल सदर कोतवाली इलाके के संभल-बहजोई मार्ग पर उद्योगपति नदीम तारीन के भाई मुशीर तरीन के आवास पर बनाया है। मुशीर तरीन संभल विधानसभा सीट से AIMIM पार्टी से विधानसभा का टिकट मांग रहे हैं। जबकि 2017 में ओवैसी ने सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के पोते को संभल विधानसभा से टिकट दिया था। जिसकी वजह से ओवैसी नंबर 2 पर रहे थे।

दरअसल, 2016 में समाजवादी पार्टी जब दो फाड़ हुई तो शफीकुर्रहमान बर्क की चिंता बढ़ गई। वह अपने जीते जी अपने पोते जियाउर्ररहमान को राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। शिवपाल और अखिलेश के झगडे में यह संभव नहीं हो पा रहा था। बर्क पोते के लिए सपा से संभल सदर सीट से टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी उन्हें कुंदरकी से टिकट देना चाहती थी। बर्क अपनी बनी बनाई सत्ता यूं ही नहीं जाने देना चाहते थे।

यही वजह है की परदे के पीछे उन्होंने ओवैसी से हाथ मिला पोते को टिकट दिलाया और आगे खुद सपा का झंडा लिए खड़े रहे। हालांकि मुलायम के साथी होने की वजह से अखिलेश ने कोई सवाल भी नहीं उठाया। दरअसल, बर्क नखासा थाना इलाके के मोहल्ला दीपा सराय में रहते हैं।

दीपा सराय मोहल्ला मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। केवल इसी मोहल्ले में ही मुस्लिमों की 17 से 20 हजार की आबादी है। ऐसे में जब ओवैसी को बर्क का साथ मिला तो पूरे प्रदेश में 37 सीटों में से 36 पर जहां उनकी जमानत जब्त हो गई, वहीं संभल में ओवैसी को उम्मीद नजर आई।

अब संभल सीट पर असर डाल पाएंगे ओवैसी?

संभल जिले में 3 सीट मुस्लिम बाहुल्य है। ऐसे में ओवैसी को जिले में उम्मीद नजर आ रही है। लेकिन संभल के स्थानीय राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि इससे ओवैसी को तो नहीं बल्कि भाजपा को ज्यादा फायदा होगा।

सीनियर जर्नलिस्ट भीष्म सिंह देओल कहते हैं कि 2017 में ओवैसी ने पहला चुनाव यहां संभल सदर सीट पर लड़ा था। जिसमे उनका प्रत्याशी जियाउर्ररहमान भी यहां मुस्लिमों के सबसे बड़े लीडर बर्क का पोता था। जोकि 2017 विधानसभा चुनाव के बाद सपा में शामिल हो चुका है। अभी जो मुशीर तरीन संभल सदर सीट से AIMIM से टिकट मांग रहे हैं। वह शफीकुर्रहमान बर्क के मुकाबले कहीं नहीं ठहरते हैं। यदि सपा से बर्क के पोते जियाउर्ररहमान को टिकट मिला तो उनकी जीत की ज्यादा संभावना है।

admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती मारा गया: अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…

1 month ago

चैंपियंस ट्रॉफी में IND vs NZ फाइनल आज: दुबई में एक भी वनडे नहीं हारा भारत

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…

1 month ago

पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, 63% खिताब चेजिंग टीमों के नाम

भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…

1 month ago

उर्दू पर हंगामा: उफ़! सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से…

अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…

1 month ago

किन महिलाओं को हर महीने 2500, जानें क्या लागू हुई शर्तें?

दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…

1 month ago

आखिर क्यों यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…

1 month ago