लखनऊ। जालसाजों ने खुद को एक आइएएस अफसर का भाई बताकर व्यवसायी से 1.76 करोड़ रुपये ठग लिए। जालसाजों ने व्यवसायी से खुद को एक फार्मा कंपनी का मालिक भी बताया था और व्यवसायी को कोरोना टेस्टिंग किट की सप्लाई और मोटे मुनाफे का झांसा दिया। इसके बाद व्यवसायी से 1.76 करोड़ रुपये ठग लिए। पीडि़त व्यवसायी की शिकायत पर गृह विभाग के संयुक्त सचिव के निर्देश पर गोमतीनगर कोतवाली में जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इंस्पेक्टर गोमतीनगर केके तिवारी ने बताया कि राजाजीपुरम बी-ब्लाक निवासी कारोबारी अभिषेक सिंह की तहरीर पर अभय सिंह, अशोक कुमार सेन और एसके सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अभिषेक ने बताया कि उनकी फर्म में बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन एंड जनरल आर्डर की सप्लाई की जाती है।
गत वर्ष जून में उनकी मुलाकात विशालखंड-तीन निवासी अभय सिंह से हुई थी। अभय सिंह ने कहा कि उनके मित्र एसके सिंह की मैट्रिक्स हेल्थ केयर के नाम से फर्म है। वहीं एक अन्य मित्र अशोक सिंह फार्मासिस्ट हैं। तीनों से गोमतीनगर में उनकी मुलाकात हुई।
अभय ने बताया कि मित्र की कंपनी को पीसीआर मशीन, कोरोना टेस्टिंग किट और अन्य मेडिकल उपकरण की सप्लाई का ठेका मिला है। उसमें रुपये लगाने हैं। 21 फीसद मुनाफा रुपये लगाने वाले पार्टनर को दिया जाएगा। उक्त लोगों ने फार्मा कंपनी के फर्जी दस्तावेज दिखाए जिससे अभिषेक को विश्वास हो गया।
आरोप है कि तीनों ने मुनाफे का लालच देकर लच्छेदार बातों में फंसा लिया। इसके बाद अभिषेक रुपये लगाने के लिए तैयार हो गए। 1.90 करोड़ रुपये के सरकारी टेंडर के लिए सारे रुपये दे दिए। आरोपितों ने कहा कि इसमें करीब 40 लाख रुपये का फायदा होना है। अभिषेक ने 1.90 करोड़ रुपये में कुछ खाते में और नकद दिए।
कई माह बीत गए पर मुनाफे का एक रुपये तक नहीं मिला। अभिषेक ने जब मुनाफे की रकम की मांग की तो उक्त लोग टाल मटोल करने लगे। विरोध पर कुछ रुपये दिए भी। इसके बाद उसे फर्जी चेक दी।
पीडि़त का आरोप है कि जब वह अभय और उसके साथियों को फोन करता तो वह फोन भी रिसीव नहीं करते। बाद में रुपये देने से मना कर दिया और धमकाने लगे। इसके बाद मामले की जानकारी गृह विभाग के अधिकारियों को दी। इसके बाद संयुक्त सचिव विनय कुमार सिंह के निर्देश पर व्यवसायी अभिषेक की तहरीर पर आरोपित अभय सिंह, अशोक कुमार सेन और एसके सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की जांच की जा रही है।
आइएएस अधिकारी और माफिया से संबंध बताकर धमकाया : पीडि़त ने बताया अभिषेक के मुताबिक जब उन्होंने अभय से रुपयों की मांग की तो वह टाल मटोल करने लगा। जब दबाव बनाना शुरू किया तो अभय ने खुद को एक आइएएस अधिकारी का रिश्तेदार भाई और माफिया का करीबी बताकर धमकाया था। इंस्पेक्टर गोमतीनगर ने बताया कि पड़ताल की जा रही है कि जिन आइएएस अधिकारी के नाम पर धमकाया गया है वह कौन हैं और कहां तैनात हैं। इसके अलावा वह उनसे आरोपित के कोई संबंध भी हैं अथवा नहीं।
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