काबुल। अफगानिस्तान में चल रहे ‘गृहयुद्ध’ की आंच अब राजधानी काबुल में स्थित अफगान राष्ट्रपति के निवास तक पहुंच गई है। राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को ईद की नमाज चल रही थी, इसी बीच पास में ही रॉकेट की बारिश होने लगी। इस घटना के वायरल वीडियो में नजर आ रहा है कि एक बार एक कई रॉकेट विस्फोट हुए।
अभी तक इस हमले में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। बताया जा रहा है कि ईद की नमाज के दौरान राष्ट्रपति अशरफ घनी और देश के अन्य नेता और अधिकारी हिस्सा ले रहे थे।
माना जा रहा है कि यह हमला तालिबान की ओर से किया गया है जो अब काबुल के काफी नजदीक तक पहुंच गए हैं। टोलो न्यूज के मुताबिक यह रॉकेट हमला नमाज शुरू होने के ठीक बाद हुआ। सूत्रों ने बताया कि ये रॉकेट काबुल के परवान-ए-से जिले से फायर किए गए थे जो उत्तर की ओर स्थित है।
ये रॉकेट काबुल के बाग इ अली मरदान और चमन इ होजोरी इलाके में गिरे। ठीक इसी के पास अफगान राष्ट्रपति अशरफ घनी का महल स्थित है। इस बीच अफगान राष्ट्रपति ने कहा है कि अफगान लोगों को यह साबित करना होगा कि वे एकजुट हैं।
तालिबान की शांति की इच्छा नहीं: अशरफ घनी
अशरफ घनी ने कहा कि तालिबान ने यह दिखा दिया है कि उनकी शांति की कोई इच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि अब हम इसके आधार पर फैसले करेंगे। लोगों के दृढ़ इच्छाशक्ति से अगले तीन से छह महीने में स्थितियां सुधरेंगी। उन्होंने तालिबान से सवाल किया कि क्या उनके पास अफगान लोगों खासकर महिलाओं के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया है। रॉकेट फायर होने के बाद सुरक्षा बलों ने परवान-ए-से के पूरे इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया है।
इससे पहले तालिबान ने दावा किया था कि उसने देश के 85 फीसदी इलाके पर कब्जा कर लिया है। अफगानिस्तान में जिस तेजी से तालिबान आतंकी अपने पैर पसार रहे हैं, उससे अमेरिका टेंशन में आ गया है। अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने आशंका जताई है कि तेजी से बढ़ता तालिबान आने वाले समय में काबुल सरकार के भूखों मरने की नौबत ला सकता है। खुफिया सूत्रों ने कहा कि काबुल पर अभी तालिबान के कब्जे का डर नहीं है लेकिन तालिबान राजधानी को देश के अन्य हिस्सों से काट सकता है।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के पास अभी इतने संसाधन नहीं हैं कि वह काबुल पर विजय हासिल कर सके। साथ ही अगर तालिबान ऐसा करता है तो उसके ऊपर अमेरिका के हवाई हमले का खतरा रहेगा। खुफिया आकलन में यह भी चेतावनी दी गई है कि तालिबान के आतंकी अगर चाहें तो अफगान सरकार की आयात सप्लाइ लाइन को काट सकते हैं। उन्होंने कहा कि कई बॉर्डर क्रॉसिंग पर अब तालिबान का कब्जा हो गया है।
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