टोक्यो। ओलिंपिक 2020 में आज दुनियाभर के खेल प्रेमियों की निगाहें मेरठ के अचूक निशानेबाज सौरभ चौधरी पर रहीं। लेकिन शूटर सौरभ चौधरी 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में सातवें स्थान पर रहे। सौरभ 6 सीरीज के क्वालिफाइंग राउंड में 600 में से 586 अंक हासिल कर पहले स्थान पर रहे थे। लेकिन फाइनल में वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके।
पत्रकारों से बात करते हुए सौरभ ने कहा, यह उनका पहला ओलिंपिक है और यहां आने का अनुभव उनके लिए बेहद अच्छा रहा है। हार से किसी भी तरह की हताशा नहीं है, क्योंकि यह बस अभी शुरुआत है। आगे भी तैयारी जारी रहेगी।
वहीं, पिता जगमोहन ने कहा, क्वालीफाइंग में सौरभ ने अच्छा किया था। लेकिन किसी भी प्रतिस्पर्धा में दो-तीन बच्चे ही जीत पाते हैं, बाकी को बाहर होना पड़ता है। सौरभ नहीं जीत पाया, लेकिन वहां तक पहुंच सका। यह बड़ी बात है। मुझे उस पर गर्व है।
वहीं, भाई नितिन ने कहा, उम्मीद थी कि कोई न कोई मेडल आएगा। लेकिन जो नसीब में है वही हासिल होता है। सौरभ का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है।
परिवार में जीत के लिए हो रही थी प्रार्थना
मेरठ के रोहटा ब्लॉक के कलीना गांव में जन्मे सौरभ चौधरी आज दुनिया में चर्चित नाम है। ओलिंपिक में बेटे को खेलते हुए देखने के लिए पिता जगमोहन, बड़े भाई नितिन चौधरी, माता बृजेश सभी उत्साहित दिखे। पूरा परिवार आज भगवान से बेटे की जीत की दुआ कर रहा था।
मां बृजेश ने बताया सौरभ अपने खेल को लेकर बहुत चिंतित रहता है। हर समय बस गेम के बारे में सोचता है। भाई नितिन कहते हैं सौरभ गेम को लेकर बहुत सीरियस है। जब कोच चाहते हैं तो वो हमारी बात सौरभ से कराते हैं। हर समय हम उससे बात नहीं कर सकते।
सौरभ का शूटिंग का सफर
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