महज चाय पीने के लिए नहीं मिले दो दिग्गज नेता, यादव वोट को बिखरने से रोकने की कोशिश

लखनऊ। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को नई दिल्ली में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। इस दौरान मुलायम के बेटे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मौजूद थे। अखिलेश ने जो तस्वीरें शेयर की हैं, उनमें तीनों नेता चाय पीते जरूर नजर आए, लेकिन इस मुलाकात के गहरे सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

दरअसल, यूपी-बिहार की राजनीति लंबे समय से जाति के इर्द-गिर्द घूमती रही है। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में यादव जाति के दो दिग्गज नेता मुलायम और लालू जो आपस में रिश्तेदार भी हैं, वे महज चाय पीने के लिए नहीं मिले थे। इसके गहरे राजनीतिक मतलब हैं और यह यादवों की एकजुटता दिखाने की कवायद भी है। साथ ही, यादव वोट बैंक में सेंधमारी की संभावना को कमजोर करने की भी कोशिश है।

यूपी के यादव वोटर्स को लुभाने की कोशिश
सपा आने वाले विधानसभा चुनाव एक मजबूत गठबंधन बनाकर लड़ने के मूड में नजर आ रही है। हाल ही में इसने NCP से हाथ मिलाया है। कहा जा रहा है कि सपा और भी पार्टियों को इसका हिस्सा बना सकती है। अब इस गठबंधन में RJD के शामिल होने की चर्चा भी तेज हो गई है। अगर ऐसा होता है, तो यह यूपी के यादव वोटर्स को लुभाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

लालू और मुलायम की चाय पर चर्चा के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मौजूद रहे।

यूपी में 9% यादव मतदाता, 5 बार यादव CM
यूपी के वोटर्स में यादवों की भागदारी करीब 9% है। यहां 5 बार उनके CM रहे हैं। 1977 में रामनरेश यादव के हाथ सत्ता की बागडोर लगी। इसके बाद 3 बार मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने और एक बार अखिलेश यादव सीएम रहे।

SP-RJD का मजबूत वोट बैंक यादव
यूपी की राजनीति में जहां यादवों की पहचान सपा मुखिया मुलायम और उनके परिवार से है, वहीं बिहार में राजद प्रमुख लालू और उनके परिवार से। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इन दोनों की वजह से यादवों का विकास बाकी पिछड़ी जातियों के मुकाबले ज्यादा हुआ है। यही वजह है कि सपा और राजद का मजबूत वोट बैंक रहे यादवों को अपनी तरफ खींच पानी दूसरी पार्टियों के लिए कभी आसान नहीं रहा।

BJP यादव वोट बैंक में सेंधमारी में सफल रही
2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) यादव वोट बैंक की सेंधमारी में काफी हद तक सफल रही। 9% यादवों के वोट बैंक में से 27% वोट BJP को मिला, जो 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा को 73% मिला था। 2007 के विधानसभा चुनाव में SP को 72% और 2012 के विधानसभा चुनाव में इसे 66% यादव वोट मिला था।

लालू और मुलायम बैठे रहे। फोटो खिंचवाने के लिए अखिलेश दोनों के बीच खड़े हो गए।

2017 विधानसभा चुनाव में SP को महज 47 सीटें मिलीं
2014 के लोकसभा चुनाव में BJP की लहर के चलते यूपी की यादव सत्ता सिर्फ मुलायम परिवार के कुछ सांसदों तक ही सिमट गई। 2012 के विधानसभा चुनाव में 224 सीटें जीतने वाली सपा 2017 में सिर्फ 47 सीटों पर सिमट गई। 47 सीटें जीतने वाली बीजेपी 324 सीटें जीतने में कामयाब रही।

बिहार में 16% यादव मतदाता
बिहार में यादव मतदाता 16% के करीब हैं, जो RJD का परंपरागत वोटर माने जाते हैं। 2000 में बिहार में यादव विधायकों की संख्या 64 थी, जो 2005 में 54 हो गई। 2010 में यह संख्या घटकर 39 पर आ गई, लेकिन 2015 में बढ़कर 61 पहुंच गई। 2020 के चुनाव में 52 यादव विधायक बने हैं। RJD ने विधानसभा चुनाव 2020 में सबसे ज्यादा 75 सीटें जीती हैं।

बिहार की राजनीति में यादव मतदाता किंगमेकर
बिहार की सियासत में यादव मतदाता किंगमेकर माना जाता है। यहां के आधे से अधिक जिलों की विधानसभा सीटों पर यादवों का प्रभाव माना जाता है। 243 सीटों में 98 सीटें यादव बाहुल्य हैं, वहीं 147 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां यादवों का असर माना जाता है।

यह तो साफ है कि लालू और मुलायम यादव मतदाताओं को एकजुटता का मैसेज देने के लिए मिले हैं। खासतौर से सपा के सामने यह बड़ी चुनौती है कि यादव वोट बैंक में हुई सेंधमारी को रोका जाए। दो दिग्गज नेताओं की ये कोशिशें इस प्रसास में कितनी सफल होंगी, यह देखने वाली बात होगी।

admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती मारा गया: अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…

1 month ago

चैंपियंस ट्रॉफी में IND vs NZ फाइनल आज: दुबई में एक भी वनडे नहीं हारा भारत

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…

1 month ago

पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, 63% खिताब चेजिंग टीमों के नाम

भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…

1 month ago

उर्दू पर हंगामा: उफ़! सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से…

अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…

1 month ago

किन महिलाओं को हर महीने 2500, जानें क्या लागू हुई शर्तें?

दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…

1 month ago

आखिर क्यों यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…

1 month ago