Categories: Lead News

पहले मुलायम, अब शरद पवार से मुलाकात…सियासी खिचड़ी पका रही है तिकड़ी?

नई दिल्ली। आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव ने अचानक राजनीतिक मेल-मुलाकातों का दौर तेज कर दिया है। मंगलवार को उन्होंने एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात की। एक दिन पहले ही उन्होंने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी। पिछले हफ्ते खुद शरद पवार ने उनसे मुलाकात की थी। पत्रकारों से बातचीत में लालू अतीत में खो गए। कहा- ‘शरद पवार के बिना संसद सूनी है। मैं, शरद भाई और मुलायम सिंह यादव कई मुद्दों पर साथ लड़े हैं।’ कैसी रही है तीनों की सियासी यारी और क्या ये फिर किसी सियासी खिचड़ी को पकाने में लगे हैं, आइए डालते हैं एक नजर।

तिकड़ी की आपसी केमिस्ट्री
इस तिकड़ी की आपसी केमिस्ट्री समझने के लिए अतीत में चलते हैं। साल 2010। संसद का बजट सत्र चल रहा था। केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए-2 की सरकार थी। राज्यसभा से महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण से जुड़ा बिल पास हो चुका था। यूपीए के ही सहयोगी लालू और मुलायम इससे भड़के हुए थे।

दोनों महिला आरक्षण बिल के कट्टर विरोधी थे। कांग्रेस को दबाव में लाने के लिए लालू और मुलायम ने यूपीए-2 के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का शिगूफा छेड़ दिया। लालू की आरजेडी तो कांग्रेस के बाद यूपीए की दूसरी सबसे बड़ी घटक थी तो मुलायम की समाजवादी पार्टी बाहर से समर्थन दे रही थी।

दोनों ने शरद पवार से अपील की कि वह यूपीए से बाहर आएं। तीसरा मोर्चा बनाएंगे। असल में दोनों की मंशा सरकार गिराने की नहीं बल्कि उस पर दबाव बनाने की थी, जिसमें वह कामयाब भी हुए और महिला आरक्षण बिल फिर ठंडे बस्ते में चला गया। इस तरह लालू-मुलायम और पर्दे के पीछे से शरद पवार की इस तिकड़ी ने यूपीए को झुका दिया।

मोदी के खिलाफ जाल बुनने में जुटे तीनों पुराने क्षत्रप?
मंगलवार को लालू ने पवार के साथ-साथ शरद यादव से भी मुलाकात की। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में फिर तीसरे मोर्चे का राग छेड़ दिया। लालू ने कहा कि थर्ड फ्रंट बनना चाहिए। इसकी तैयारी अच्छी बात है। उनकी अचानक बढ़ी सक्रियता को मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।

खासकर तब जब कांग्रेस लगातार अपनी चमक खोती जा रही है, ऐसे में 2024 में नरेंद्र मोदी को किस तरह चुनौती दी जाए, इसे लेकर सियासत के इस पुराने खिलाड़ी ने अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है। लालू ने चिराग पासवान को तेजस्वी के साथ आने का भी एक तरह से खुला न्योता दे दिया है।

इधर लालू हुए सक्रिय, उधर नीतीश के बदले सुर, कहीं कोई कनेक्शन तो नहीं?
चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। मंगलवार को उन्होंने दावा किया कि तेजस्वी यादव की अगुआई में महागठबंधन ने बिहार का चुनाव जीत लिया था लेकिन उन्हें बेईमानी से हरा दिया गया। उन्होंने कहा कि वह जेल में थे, तेजस्वी ने अकेले लड़ा लेकिन बेईमानी करके 10-15 वोट से हरवा दिया गया।

अब लालू पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के मिशन में जुटे लग रहे हैं। उधर एनडीए के सहयोगी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पेगासस जासूसी कांड की जांच की मांग कर दी है। लालू की सक्रियता और नीतीश के बदले सुर के बीच भी कोई कनेक्शन उभरे तो इसमें हैरानी जैसी कोई बात नहीं होगी।

बहुत कुछ कॉमन है इस तिकड़ी में
लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव और शरद पवार। तीनों की तिकड़ी में कई सारी बातें कॉमन हैं। तीनों ने ही छात्र राजनीति से शुरुआत की। तीनों ही साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से आए हैं। तीनों ही सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं। तीनों ही क्षत्रप हैं। तीनों ही देश के 3 बड़े राज्यों के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

तीनों ही कभी प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए थे। सिर्फ यही कॉमन नहीं है। तीनों ही कभी कांग्रेस के कट्टर विरोधी रहे फिर उसी के हमराह बन गए। पहले दो का तो सियासी उदय ही एंटी-कांग्रेस सेंटिमेंट से हुआ। पवार के मामले में बात थोड़ी सी अलग है। उनकी गिनती कभी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती थी लेकिन सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठा वह कांग्रेस से न सिर्फ अलग हुए बल्कि नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी नाम से अपना अलग दल ही बना लिया।

हालांकि, बाद में उनकी पार्टी उसी कांग्रेस के साथ आ गई, जिससे अलग हो वह वजूद में आई। तीनों ही जीवन के सांध्य काल में प्रवेश कर चुके हैं और सेहत से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती मारा गया: अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…

1 month ago

चैंपियंस ट्रॉफी में IND vs NZ फाइनल आज: दुबई में एक भी वनडे नहीं हारा भारत

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…

1 month ago

पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, 63% खिताब चेजिंग टीमों के नाम

भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…

1 month ago

उर्दू पर हंगामा: उफ़! सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से…

अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…

1 month ago

किन महिलाओं को हर महीने 2500, जानें क्या लागू हुई शर्तें?

दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…

1 month ago

आखिर क्यों यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…

1 month ago