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बुरा दौर गुजर गया, 4 मई से आधे देश मे कामकाज शुरू हो जाएगा: केन्द्र सरकार

नई दिल्ली. सरकार ने शनिवार को कोरोनावायरस से पैदा हुए हालात की जानकारी दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सबसे बुरा दौर गुजर चुका है, लेकिन जब तक बीमारी पर पूरी तरह काबू नहीं पा लेते, तब तक हमें सतर्क रहते हुए गाइडलाइन माननी चाहिए। ये संक्रमण चीन से आया, लेकिन अभी इसका कोई वैक्सीन नहीं मिला। वैक्सीन मिलने तक हमें वायरस के साथ ही जीना होगा। मास्क लगाना, बार-बार हाथ धोना, दो गज की दूरी रखना, ये ‘न्यू नॉर्मल’ हैं। समाज ने पिछले 40 दिन में ये बहुत अच्छे से सीख लिया है।
4 मई से आधे देश में कामकाज शुरू हो जाएगा: जावड़ेकर
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण रोकने में कामयाबी मिली। लॉकडाउन के तीसरे चरण में 4 मई से आधे देश में पूरी तरह कामकाज शुरू हो जाएगा। कोरोना पर हमारा प्रबंधन दूसरे देशों से काफी अच्छा है। सभी जोन अच्छी तरह बांट दिए गए हैं।
‘विपक्ष के पास कोई अच्छा सुझाव नहीं’
विपक्ष के आरोपों पर जावड़ेकर ने कहा कि वे दिशाहीन हैं। उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। वे न तो एक भी अच्छी बात नहीं कह रहे हैं न ही अच्छे सुझाव दे रहे। वे पहले जिन बातों से सहमत थे, अब उन्हीं को लेकर सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। पश्चिम बंगाल सरकार के आरोपों पर जावड़ेकर ने कहा कि वहां कुछ लोगों ने भारत और बंगाल के बीच युद्ध करना चुना है। हमें युद्ध में और बहस में कोई रुचि नहीं है। हमारा मकसद परेशानी दूर करना है। हम हर राज्य की मदद करना चाहते हैं।

‘निवेश, मैन्युफैक्चरिंग में भारत के पास बड़ा मौका’
जावड़ेकर के मुताबिक, भारत के पास इस वक्त बड़ा मौका है। हमें इसे भुनाने की कोशिश करनी होगी। हम सभी बड़ी कंपनियों का स्वागत करते हैं। पिछले छह साल में देश में मोबाइल फैक्ट्रियों की संख्या दो से बढ़कर 150 पहुंच चुकी है। हम पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स और वेंटीलेटर भी बना रहे हैं।

तब्लीगी जमात के सवाल पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हर राज्य चाहे उसमें भाजपा की सरकार हो या गैर-भाजपा सरकार, उन्होंने बताया कि कई संक्रमण तब्लीगी जमात से हैं। मुझे नहीं लगता कि इसका धर्म से कोई लेना-देना है। ये एक घटना की पहचान करना है, जिससे संक्रमण बढ़ा। मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए गैर जरूरी विवाद पैदा किया गया। राजनीतिक रूप से डिजाइन प्रयासों से भारत और अरब के बीच अंतर पैदा करने की कोशिश की गई, लेकिन ये सफल नहीं हुए क्योंकि हमारी दोस्ती की बुनियाद बहुत मजबूत है। महामारी धर्म नहीं देखती। बता दें कि दिल्‍ली के निजामुद्दीन तब्‍लीगी जमात के मरकज में शामिल हुए काफी लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। ये सभी लोग नियमों को ताक पर रखकर एक इमारत में रह रहे थे। जमात के कुछ लोग अन्‍य राज्‍यों में गए और कई दूसरों को संक्रमित कर दिया।

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