लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ के पार्टी कार्यालय में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे। बहुजन समाज पार्टी को 2007 की तरह पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने से कोई नहीं रोक सकता है। पिछले कुछ वर्षों में चाहे सपा की सरकार रही हो या फिर भाजपा की ब्राह्मणों, दलितों, गरीबों का शोषण हुआ है। बहुजन समाज पार्टी का प्रबुद्ध सम्मेलन सफल रहा है हालांकि बीजेपी ने इस सम्मेलन को रोकने के लिए साम-दाम-दंड-भेद सब इस्तेमाल किए।
मायावती ने कहा कि हमको तो दलित वर्ग के लोगों पर शुरू से गर्व रहा है कि उन्होंने बिना गुमराह और बहकावे में आए कठिन से कठिन दौर में भी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा। यह लोग मज़बूत चट्टान की तरह पार्टी के साथ खड़े रहे हैं। उम्मीद है कि बहुजन समाज पार्टी से जुड़े अन्य सभी वर्गों के लोग इनकी तरह आगे कभी गुमराह नहीं होंगे।
मायावती ने कहा कि ब्राह्मण समाज के लोग भी कहने लगे हैं कि हमने भारतीय जनता पार्टी के प्रलोभन भरे वादों के बहकावे में आकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर बहुत बड़ी गलती की है। बहुजन समाज पार्टी की 2007 की सरकार ने ब्राह्मण समाज के लोगों के सुरक्षा, सम्मान, तरक्की के मामले में हर स्तर पर अनेको ऐतिहासिक कार्य किए हैं। हमारी सरकार ने सरकार ने सभी की रोजी-रोटी का भी ध्यान रखा। हमने तो सरकार में ब्राह्मण समाज के लोग मंत्री बनाया। आगे भी बनाएंगे।
मायावती ने इस दौरान आरएसएस पर भी हमला बोला। उन्होंने आरएसएस प्रमुख के सोमवार के बयान पर कहा कि मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि अगर भारत में हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक जैसे हैं तो आरएसएस और उनकी भाजपा मुसलमानों से इस तरह का व्यवहार क्यों करते हैं कि उनको गोद लिया गया है।
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ के पार्टी कार्यालय में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी मौजूद थे। अयोध्या से 23 जुलाई को शुरू होने के बाद 74 जिलों में प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन कराया गया। लखनऊ में इसका आज समापन हो गया।
लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश कार्यालय में इस विचार संगोष्ठी (प्रबुद्धजन सम्मेलन) को बसपा मुखिया की सोशल इंजीनियरिंग भी माना जा रहा है। इससे पहले प्रदेश के 74 जिलों में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तथा राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्र प्रबुद्धजन सम्मेलन कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज को रिझाने के लिए बहुजन समाज पार्टी के अब तक चल रहे प्रयासों में अब एक जोर खुद पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती भी लगाएंगी। बसपा उत्तर प्रदेश की सत्ता के लिए सोशल इंजीनियरिंग का सूत्र फिर आजमाने के लिए अब तक 74 जिलों में प्रबुद्धजन सम्मेलन कर चुकी है। आखिरी सम्मेलन मंगलवार को लखनऊ में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में होगा, जिसमें पार्टी की मुखिया मायावती भी मौजूद रहेंगी।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 में अपनी-अपनी जीत का समीकरण बनाने के लिए सभी दल विभिन्न जाति-वर्गों को जोडऩे की हर कोशिश कर रहे हैं। पिछड़े और दलितों के अलावा सवर्णों में खास तौर से ब्राह्मणों पर सपा और बसपा की नजर है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दलित-मुस्लिम-ब्राह्मण गठजोड़ के वर्ष 2007 के सफल फार्मूले को दोहराने की मंशा से सोशल इंजीनियरिंग को फिर हथियार बनाया है।
ब्राह्मणों को पार्टी से जोडऩे की जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को सौंपी गई। उन्होंने 23 जुलाई को अयोध्या से प्रबुद्धजन सम्मेलन की शुरुआत की। इसके बाद अलग-अलग चरणों में सम्मेलन करते हुए अब तक 74 जिलों में ब्राह्मणों के बीच मंच सजा चुके हैं। आखिरी जिला लखनऊ बचा है। सतीश चंद्र मिश्र ने बताया कि राजधानी में हो रहे सम्मेलन में प्रदेश भर से भी समाज के बड़ी संख्या में प्रतिनिधि बुलाए गए हैं, जिन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती संबोधित करेंगी।
मिश्र ने कहा कि राज्यभर में सम्मेलनों में मौजूदा प्रदेश सरकार से ब्राह्मणों की जबरदस्त नाराजगी दिखी। मिश्र के मुताबिक वर्ष 2007 में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने से पहले दो वर्षों तक उन्होंने इसी तरह के सम्मेलन किए थे। उन सम्मेलनों में भी तत्कालीन सपा सरकार के प्रति समाज की उतनी नाराजगी नहीं थी, जितनी इस समय देखने को मिल रही है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि भाजपा सरकार के साथ ही सपा से भी समाज की नाराजगी है। ऐसे में बसपा के प्रति काफी उत्साह नजर आ रहा है।
लगाई गई एलईडी टीवी
प्रदेशभर से बसपा के प्रमुख पदाधिकारियों, कोआर्डिनेटर व सेक्टर प्रभारियों के साथ प्रमुख लोगों को इसमें बुलाया गया है। इसके लिए बड़ी तैयारियां की गई हैं। खासकर पार्टी कार्यालय के बाहर भी एलईडी टीवी लगाई गई है, जिससे मायावती द्वारा दिया जाने वाला संदेश साफ तौर पर सभी लोगों को सुनाई पड़ सके।
मिशन-2022 का होगा आगाज
बसपा सुप्रीमो देखा जाए तो एक तरह से मिशन 2022 का आगाज करेंगी। कार्यकर्ताओं को संदेश देंगी कि कैसे चुनावी समर में उतरना है। पार्टी कार्यालय में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र दिनभर लेते रहे। उनकी देखरेख में तैयारियां की गई हैं।
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