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कोरोना वायरस के दोनों टीके लगने के बाद के क्या खतरे हैं, समझिए

नई दिल्ली। कोरोना वायरस वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के दो सप्ताह बाद टीकाकरण का सुरक्षात्मक प्रभाव सबसे उच्च स्तर पर रहता है। कोविड सिम्पटन स्टडी बताती है कि बिना टीकाकरण वाले लोगों की तुलना में टीकाकरण हुए लोगों में बुखार की संभावना 58 फीसद कम होती है। टीका लिए लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की संभावना बेहद कम है।

ब्रिटेन की एक रिसर्च बताती है कि पूरी तरह से टीकाकरण होने के बाद हरेक 1000 में से 2 लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। लेकिन सभी को एक जैसा जोखिम नहीं होता है। टीकाकरण से आप कितने सुरक्षित हैं, इसके 4 प्रमुख कारण हैं।

#1 टीके का प्रकार

ट्रायल के नतीजे बताते हैं मॉडर्ना वैक्सीन 94 फीसद और फाइजर 95 फीसद  तक कोविड होने की संभावना को कम कर देता है। जॉनसन एंड जॉनसन 66 तो एस्ट्राजेनेका 70 फीसद तक कोविड होने की संभावना को कम कर देता है। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से कोविड होने की संभावना 81 फीसद तक कम हो गई अगर खुराक के बीच एक लंबा गैप रहा है।

#2 कितने दिन पहले हुए थे वैक्सीनेट?

इसे लेकर अब तक एक दम से साफ़ डेटा नहीं मौजूद है। लेकिन इस बात पर बहस जारी है कि टीके का असर कब तक रहेगा। और यही कारण है कि बूस्टर वैक्सीन को लेकर बातें हो रही हैं। शुरुआती रिसर्च बताते हैं कि छह महीने के बाद फाइजर वैक्सीन की सुरक्षा क्षमता कम हो जाती है। एक इजरायली रिसर्च फर्म भी यही बात कह रही है। हालंकि इस बारे में जल्द ही विस्तार से जानकारियां मिल सकेगी।

#3 कोरोना के वेरिएंट

कोरोना के किस वेरिएंट से आप जूझ रहे हैं, यह एक प्रमुख कारक है। अल्फ़ा और डेल्टा वेरिएंट की बता करें तो पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के डेटा से पता चलता है कि इस वेरिएंट के लिए फाइजर की वैक्सीन थोड़ी कम सुरक्षात्मक है। अल्फ़ा वेरिएंट में कोरोना होने की संभावना 93 फीसद और डेल्टा वेरिएंट में 88 फीसद तक कम हो जाता है।

इसी तरह एस्ट्राजेनेका सहित अन्य वैक्सीन भी प्रभावित होते हैं।  फाइजर की वैक्सीन से पहले महीने तक डेल्टा वेरियंट से संक्रमित होने का खतरा 13 फीसद तक रहता है जो पांचवें महीने तक बढ़कर 23 फीसद तक पहुंच जाता है।

#4 आपका इम्यून सिस्टम कैसा है?

डेटा औसत डेटा बताते हैं। आपका खुद का जोखिम आपकी प्रतिरक्षा के स्तर और कई कारकों पर निर्भर करता है। उम्र बढ़ने के साथ इम्यून सिस्टम कमजोर होती जाती है। लंबी बीमारी या कमजोर इम्यून सिस्टम भी कोरोना वायरस से हमें टीकाकरण करे बाद भी संक्रमित कर सकता है। ऐसे में कोरोना के लिए बताए जा रहे सरकारी गाइडलाइंस का पालन करें और सुरक्षित रहें।

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