नई दिल्ली. इनकम टैक्स पोर्टल में तकनीकी खामियों के चलते इस साल (वित्त वर्ष 2020-21) का इनकम टैक्स रिटर्न आप 31 दिसंबर तक फाइल कर सकते हैं. पोर्टल में बार-बार आ रही खामियों के चलते सरकार ने ये डेडलाइन दी है. ऐसे में भले ही आप अपना रिटर्न 31 दिसंबर तक दाखिल कर दें लेकिन अगर टैक्स जमा नहीं किया है, तो आपको पेनल्टी देनी होगी. वो भी पूरे 1 फीसदी हर महीने के हिसाब से.
दरअसल, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना और आपके ऊपर जो टैक्स बन रहा है, उसे जमा करना दो चीजे हैं. इसे आसानी से समझने के लिए हमने CA मोहित शर्मा से बात की. मोहित बताते हैं कि इनकम टैक्स के सेक्शन 234A के मुताबिक टैक्स की देनदारी समय से जमा न करने पर आपके ऊपर हर महीने 1 प्रतिशत की पेनल्टी लगती है. ये पेनल्टी उसी अमाउंट पर लगेगी, जितना कि आपका टैक्स भरने से बचा है.
अगर किसी व्यक्ति का नाम धीरज है. धीरज का सालाना पैकेज 15 लाख का है. जाहिर है पैकेज अधिक है, तो टैक्स की देनदारी बनेगी. मान लिया जाए कि धीरज ने जितने भी निवेश टैक्स बचाने के लिए किए हैं, उन्हें एडजस्ट करके धीरज को 50 हजार रुपए टैक्स और भरना है. लेकिन उनकी कंपनी ने सालभर में कुल 30 हजार ही टैक्स काटा है, तो अब जो धीरज का टैक्स बचता है वो है 20 हजार रुपए. अब तीन बाते हैं.
पहला- या तो धीरज 31 दिसंबर तक अपना रिटर्न भरने का इंतजार करेंगे. लेकिन इस सूरत में अपने ऊपर 20 हजार रुपए टैक्स की जो देनदारी है, उस पर एक प्रतिशत महीने के हिसाब से पेनल्टी लगेगी.
दूसरा- पेनल्टी से बचने के लिए अगर वह 31 सितंबर से पहले ही अपना टैक्स और रिटर्न दोनों भर देते हैं, तो उन्हें 20 हजार के अलावा कुछ भी एक्सट्रा नहीं देना होगा.
तीसरा- पेनल्टी से बचने के लिए अगर वह 31 सितंबर से पहले ही अपना टैक्स-टैक्स भर देते हैं, लेकिन रिटर्न छोड़ देते हैं. तो ऐसे में भी उनके ऊपर कोई चार्ज नहीं लगेगा और फिर वह 31 दिसंबर तक अपना रिटर्न कभी भी भर सकते हैं.
मान लिया कि धीरज के ऊपर टैक्स की देनदारी तो है, लेकिन उन्हें इसका पता नहीं है, तो ऐसे में कैसे वह पेनल्टी से बचेंगे. इस बारे में CA मोहित कहते हैं कि 31 सितंबर से पहले सभी टैक्सपेयर्स एक बार अपने CA या अगर वह खुद टैक्स फाइल करते हैं तो खुद…टैक्स की कंप्यूटेशन स्लिप चेक कर लें. अगर किसी के ऊपर टैक्स की देनदारी है, तो इससे पता चल जाएगा और NSDL की वेबसाइट से भी समय से टैक्स जमा किया जा सकता है, ताकि पेनल्टी न लगे.
दरअसल, इस साल 7 जून को इनकम टैक्स का नया पोर्टल लॉन्च किया गया था. इस नए पोर्टल की जिम्मेदारी IT की दिग्गज कंपनी इंफोसिस को दी गई थी. पोर्टल लॉन्च तो हो गया लेकिन इसमें तकनीकी खामियां बनी रहीं. कई लोगों को OTP नहीं आता, कोई अपना पुराना रिटर्न नहीं देख पाता, कई लोगों के टैक्स क्रेडिट मिसमैच हैं…आदि समस्याएं पोर्टल पर हैं. इन समस्याओं को दूर करने के लिए खुद वित्त मंत्री तीन बार इंफोसिस के अधिकारियों के साथ बैठक कर चुकी हैं. फिलहाल कंपनी को 15 सितंबर यानी कल तक का वक्त दिया गया था, सारी खामयों को दूर करने के लिए.
पोर्टल ठीक चल रहा है या नहीं, ये पूछने पर मोहित शर्मा ने बताया कि कुछ एक समस्याएं थीं, जिनमें से ज्यादातर दूर हो गई हैं. अब पोर्टल ठीक तरीके से काम कर रहा है और टैक्सपेयर्स अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
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