गोरखपुर में हर चौथे दिन दागी वर्दी: 8 महीने में 21 पुलिसकर्मी सस्पेंड, 39 लाइन हाजिर, 3 बर्खास्त

गोरखपुर। जिन पुलिसकर्मियों के कंधों पर लोगों की सुरक्षा का बोझ हो, गोरखपुर में खुद उनकी हरकतें ही महकमें को शर्मसार कर रही है। सरकार बदल गई, अधिकारी बदल गए, लेकिन अगर कुछ नहीं बदला तो वह है पुलिस का आचरण। क्योंकि पुलिस के अवैध वसूली से लेकर मारपीट का मामला हो या फिर पुलिस के खुद अपराध में शामिल होने की बात हो।

इतना ही नहीं अनुशासनहीनता, उदासीनता, स्वच्छारीता और लापरवाही कर ये खाकी की मर्यादा को तार-तार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। हालत यह है कि भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर आए दिन पुलिस कर्मियों पर अधिकारियों की गाज तो गिर रही है, लेकिन इनकी वसूली या भ्रष्टाचार बंद होने का नाम नहीं ले रही है।

8 माह में 21 सस्पेंड, 39 लाइन हाजिर, 3 बर्खास्त
यही वजह है कि पुलिस अधिकारी गोरखपुर में जीरो टालरेंस पर काम करते हुए भ्रष्ट पुलिस वालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं। अगर सिर्फ इसी साल की बात करें तो पहली जनवरी 2021 से 31 अगस्त 2021 तक इस 8 महीनों के दौरान गोरखपुर में जहां भ्रष्टाचार व लापरवाह 21 पुलिस वालों पर निलंबन की कार्रवाई की।

वहीं, 39 कर्मियों को लाइन का रास्ता दिखा दिया। जबकि इस दौरान गंभीर मामलों में दोष सिद्ध होने पर तीन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया। इतना ही नहीं, इस दौरान कई पुलिसकर्मियों पर आपराधिक मामलों में केस भी दर्ज किया गया, जबकि कुछ को जेल की यात्रा भी करनी पड़ी।

कुछ कर्मियों की हरकत से विभाग बदनाम
दरअसल पुलिस और अपराध का नाता नया नहीं है। चंद दागी पुलिसकर्मियों के कारनामों की वजह से पूरे पुलिस महकमें पर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अपराध पर लगाम कसने की जिम्मेदारी भूल कर कुछ पुलिसकर्मी दूसरे कामों में रूचि ले रहे हैं। लिहाजा पुलिस विभाग के दागी उसके लिए मुसीबत बने हुए हैं।

हालांकि इन्हें लेकर पुलिस के अधिकारी तो पूरी तरह सख्त हैं और समय-समय पर ऐसे पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई भी कर रहे हैं। बावजूद इसके पुलिस पर लगते दाग का सिलसिला फिलहाल कम होता नजर नहीं आ रहा है।

लगातार गिर रही भ्रष्टाचार पर गाज
हालांकि पुलिसकर्मियों पर लगातार बढ़ती जा रही कार्रवाई से यह तो साबित हो गया है कि अधिकारी इसे लेकर पूरी तरह सख्त हैं और वे दोषी पुलिसकर्मियों को किसी भी दशा में बख्शना नहीं चाहते। यही वजह है कि वर्ष 2019 में जहां गोरखपुर में 63 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी, वहीं साल 2020 में 75 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई।

जबकि इस साल 2021 में अब तक 63 पुलिसकर्मियों को दंडित किया जा चुका है। वहीं, इनमें से तीन पुलिसकर्मियों को सेवा से बाहर भी कर दिया गया।

​बख्से नहीं जाएंगे दोषी पुलिसकर्मी
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त और अनुशासन के खिलाफ काम करने वाले किसी भी मातहत को बख्शा नहीं जाएगा। दोषी कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिस भी पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत मिल रही है या फिर उनकी अनुशासनहीनता सामने आ रही है। उनकी जांच कराकर लगातार कार्रवाई की जा रही है।

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