लखनऊ। प्रबुद्ध सम्मेलनों के बाद अब बहुजन समाज पार्टी अब युवाओं की ध्यान केंद्रित करने में लगी है। अब बसपा सुप्रीमो मायावती खुद युवाओं से संवाद करेगी। माना जा रहा है कि अक्टूबर के अंतिम या नवंबर के पहले सप्ताह में मायावती लखनऊ में युवाओं का बड़ा सम्मेलन करेगी। इसमें वह खुद इन युवाओं के साथ संवाद भी करेगी।
बसपा की ओर से चल रहे युवा संवाद कार्यक्रम पहले से ही चल रहा है। लखनऊ में होने वाले कार्यक्रम में मायावती के साथ उनके भतीजे आकाश आनंद भी शिरकत करेंगे।
सूत्रों का कहना है कि संवाद कार्यक्रम में प्रदेश भर से करीब पांच हजार ऐसे युवाओं को लाया जाएगा जो बहुजन समाज पार्टी की नीतियों और उसके शासनकाल में किए गए कार्यों से अवगत होंगे। यह सब बहुजन मिशन की प्रेरणा से लैस होंगे। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा की ओर से चलाए जा रहे प्रबुद्ध यानी ब्राह्मण सम्मेलन के अंतिम आयोजन में भी मायावती ने शिरकत की थी। अगर बसपा युवा संवाद में मायावती आतीं हैं तो यह उनका दूसरा सार्वजनिक कार्यक्रम होगा।
कपिल मिश्रा ने शुरू किया था युवा संवाद कार्यक्रम
उप्र में युवा संवाद कार्यक्रम की शुरूआत सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा ने की थी। हालांकि दिल्ली में आकाश आनंद ने युवाओं से बात की थी। उसी के बाद से यह तय हुआ था कि इस बार बसपा अपनी बदली हुई रणनीतियों के साथ युवाओं को भी मौका देने पर विचार कर सकती है। इस कार्यक्रम में युवाओं से राजनीतिक फीडबैक लिया जा रहा है। साथ ही काडर बेस पर काम करने की रणनीति बताई जा रही है।
युवा इसबार को-ऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी संभालेंगे
बसपा के टिकट बंटवारे में सबसे बड़ी भूमिका को-ऑर्डिनेटर निभाते हैं। इस बार यह जिम्मेदारी युवा निभाने को तैयार है। बताया कि सभी को-ऑर्डिनेटर अपने-अपने क्षेत्र में लगातार काम कर रहे हैं। अब इनकी कोशिश है कि बूथ लेवल पर भी युवाओं को मौका दिया जाए। इसका बाकायदा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर किया जा रहा संवाद
युवाओं को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लिया जा रहा है। इसमें वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया है। उसी ग्रुप पर संवाद किया जा रहा है। इसमें बसपा की विचारधारा से लोगों को जोड़ने के साथ विपक्षी पार्टियों के खिलाफ भी माहौल बनाया जा रहा है।
बसपा के लिए काम करने वाले युवाओं की फौज के लिए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शोध कर युवाओं से संपर्क किया जा रहा है। मिशनरी सोच वाले प्रोफेसरों से संपर्क ऐसे युवाओं की पहचान की जा रही है जो अपने पढ़ाई से वक्त निकालकर बसपा के लिए पार्ट टाइम कर सकें।
भतीजे के लिए जमीन जुटाने पर लगी हैं मायावती
बसपा को करीब से देखने जानने वालों की माने तो मायावती की कोशिश है कि युवाओं को मौका देकर भतीजे आकाश आनंद के लिए भविष्य की जमीन को मजबूत किया जा सके। पुराने नेताओं की रुख़सती के बाद बसपा एक नए कलेवर में दिखाने की मंशा के पीछे के आकाश के लिए सियासी पिच को मजबूत करने की रणनीति भी हो सकती है।
यही कारण है कि अब बसपा के अधिकांश बड़े कार्यक्रमों में आकाश दिखाई देने लगे हैं। वहीं युवाओं से किनारा करने वाली बसपा सबसे ज्यादा मौका दे रही है। आकाश को लेकर पुराने नेताओं के बीच स्वीकार्रता नहीं है। ऐसे में युवाओं को मौका देने से बसपा को नेताओं की एक नई खेप के साथ आकाश की स्वीकार्रता भी बढ़ेगी।
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