नई दिल्ली. कोरोना की रोकथाम के लिए उत्तर कोरिया की सरकार ने जिस तरह के कदम उठाये उससे न सिर्फ उत्तर कोरिया दुनिया से अलग-थलग पड़ गया बल्कि वहां के हालात ऐसे हो गए कि वहां भुखमरी का माहौल है. लोगों की आजीविका जा चुकी हैं. बच्चे और बुज़ुर्ग भूख से मर रहे हैं. पूरे उत्तर कोरिया में ज़बरदस्त खाद्यान्न संकट है.
कोरोना महामारी से बचाव के लिए उत्तर कोरिया की सरकार ने अपनी सीमाओं को सील कर दिया. सीमाएं सील हो जाने की वजह से उत्तर कोरिया में न तो बाहर से खाद्यान्न पहुँच सकता है और न ही चिकित्सकीय सहायता. स्वास्थ्य सम्बन्धी ढांचा भी वहां चरमराने लगा है.
संयुक्त राष्ट्र की जांच समिति ने कहा है कि राष्ट्रीय सीमाओं को बंद करने और आवाजाही की आज़ादी पर पाबंदी लगाने से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार की गतिविधियाँ पूरी तरह से बंद हो गई हैं.
ज़रूरतमंदों तक न खाद्य सामग्री पहुँच पा रही है और न दवाइयाँ. लोगों की बुनियादी ज़रूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं तो अपनी जान बचाने के लिए तमाम लोग देश से पलायन की कोशिशें कर रहे हैं. जो पलायन में नाकाम हो रहे हैं वह आत्महत्या भी कर रहे हैं.
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