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ममता, जया और डिंपल: जहां-जहां मोदी की सभा होगी वहां मोर्चा संभालेंगी ‘दीदी’

लखनऊ। कांग्रेस के बाद 40 फीसदी महिला वोटर को टारगेट करने में सपा भी जुट गई है। इसके लिए समाजवादी पार्टी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आगे करने की तैयारी कर रही है। दरअसल, बंगाल चुनाव में सपा ने ममता को समर्थन दिया था, ऐसे में यूपी में बीजेपी को हराने के लिए ममता अखिलेश यादव के साथ आने वालीं हैं।

महिला वोटरों को लुभाने और उनको अपनी तरफ करने के लिए सपा एक विशेष रथ निकालेगी। इसमें ममता बनर्जी, सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और राज्यसभा सांसद जया बच्चन शामिल होंगी। यह तीनों महिलाएं उप्र में सपा के लिए एक ही रथ से प्रचार कर सकतीं हैं।

दरअसल, सपा और टीएमसी का गठबंधन होने वाला है। इसके बाद ममता बनर्जी उप्र के चुनाव में सक्रिय होंगी। इस दौरान करीब तीनों ही महिलाएं बीजेपी के खिलाफ जनता में प्रचार- प्रसार करेंगी। उप्र में महिला वोटर्स की संख्या करीब 6 करोड़ 46 लाख 13 हजार के करीब है।

अखिलेश यादव की निजी छवि इनके बीच ठीक है। हालांकि, सपा पर गुंडागर्दी को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है। इससे पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा है। इसमें सबसे ज्यादा महिलाएं भी नाराज होती रहीं हैं। ऐसे में इनको टारगेट करने के लिए यह तीनों महिलाएं पूरे प्रदेश में एक साथ दौरा कर सकतीं हैं। बंगाल में ममता के समर्थन में जया बच्चन ने भी रैली निकाली थी।

25 जिलों का कर सकतीं हैं दौरा
बताया जा रहा है कि ममता उप्र के करीब 25 जिलों का दौरा कर सकतीं हैं। ममता का दौर उन जिलों में होगा जहां पीएम मोदी की सभाएं हो होंगी। ममता इस चुनाव से दो निशाने साधने की तैयारी कर रहीं हैं। इसमें महिला वोटर्स को बीजेपी के खिलाफ करने के साथ-साथ 2024 तक खुद को तीसरे मोर्चे के बड़े नेता के तौर पर सामने रखने की पहल शामिल है। ऐसे में अगर जरूरत पड़ी तो वह खुद को पीएम के चेहरे के तौर पर भी पेश कर सकती है।

40 फीसदी सीट महिलाओं को देने की बात कर चुकी है कांग्रेस
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी पहले ही चुनाव में 40 फीसदी महिला प्रत्याशी लड़ाने की बात कर चुकीं हैं। इसके बाद सभी राजनीतिक दलों के ऊपर एक दबाव बन गया है कि वह भी महिलाओं को अपने यहां बढ़ावा दें। कांग्रेस की इस पहल के बाद एक बार फिर से संसद और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के मुद्दे ने भी जोर पकड़ लिया है। ऐसे में कोई भी दल इसको लेकर रिस्क नहीं लेना चाहता है।

पूर्वांचल और अवध क्षेत्र पर रहेगा जोर
सपा के वरिष्ठ नेता का कहना है कि अभी जिले तय नहीं हुए हैं, हालांकि पूर्वांचल और अवध के जिलों में दौरा ज्यादा करने की बात सामने आ रही है। इसके पीछे की दलील है कि बीजेपी यहां सबसे ज्यादा मजबूत है। पश्चिम में किसान आंदोलन की वजह से बीजेपी की पकड़ कमजोर लग रही है। तराई के क्षेत्र में लखीमपुर घटना के बाद नाराजगी बढ़ी है। ऐसे में इन जगहों पर किसान आंदोलन को ही आगे रखा जा सकता है। बाकी जगहों पर बीजेपी पर सपा और ममता हमलावर हो सकते हैं।

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